बरेली में अब ठेकेदारों ने नगर निगम को घेरा, निर्माण कार्य किए बंद

महापौर के बाद अब ठेकेदारों ने निर्माण विभाग को घेरा है। उन्होंने निर्माण करने के बावजूद भुगतान नहीं किए जाने के आरोप लगाए हैं। लेखा विभाग पर भी फाइलें अटकाने का आरोप लगाया है। भुगतान नहीं होने पर ठेकेदारों ने निर्माण कार्य रोक दिए हैं। वे सोमवार को नगर आयुक्त से मिलकर भुगतान दिलाने की मांग करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 08:20 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 08:20 PM (IST)
बरेली में अब ठेकेदारों ने नगर निगम को घेरा, निर्माण कार्य किए बंद
बरेली में अब ठेकेदारों ने नगर निगम को घेरा, निर्माण कार्य किए बंद

जागरण संवाददाता, बरेली: महापौर के बाद अब ठेकेदारों ने निर्माण विभाग को घेरा है। उन्होंने निर्माण करने के बावजूद भुगतान नहीं किए जाने के आरोप लगाए हैं। लेखा विभाग पर भी फाइलें अटकाने का आरोप लगाया है। भुगतान नहीं होने पर ठेकेदारों ने निर्माण कार्य रोक दिए हैं। वे सोमवार को नगर आयुक्त से मिलकर भुगतान दिलाने की मांग करेंगे।

ठेकेदारों का कहना है कि 15वें वित्त आयोग से नगर निगम 50 से 60 करोड़ रुपये के निर्माण करा रहा है। ठेकेदारों को काम आवंटित कर दिए गए हैं, जिसमें से कई ठेकेदारों ने कई काम पूरे कर दिए हैं। कई काम पूरे होने को हैं। बावजूद इसके नगर निगम ने उनके भुगतान फंसा दिए गए हैं। लाखों रुपये जेब से खर्च करने के बाद जब ठेकेदार बकाया किस्तों का भुगतान मांगता है तो उसे टरका दिया जाता है। भुगतान तो दूर उनके बिल तक नहीं बनाए जा रहे हैं। ऐसे में बजट के अभाव में बड़ी संख्या में ठेकेदारों ने निर्माण आधा-अधूरा छोड़ दिया है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। ठेकेदारों का कहना है कि उन्होंने भुगतान के लिए दो हफ्ते पहले अधिकारियों से कहा था, लेकिन नहीं हुआ। अब सोमवार को नगर आयुक्त अभिषेक आनंद से मिलकर भुगतान की मांग करेंगे। निर्माण विभाग व लेखा विभाग के कारनामों का भी राजफाश करेंगे। नगर निगम ठेकेदार कल्याण समिति के अध्यक्ष धर्नेंश सोना ने बताया कि निर्माण विभाग के इंजीनियर ठेकेदारों को परेशान कर रहे हैं। करोड़ों के कामों के वर्कआर्डर देने के बावजूद भुगतान नहीं किया जा रहा है।

निर्माण व लेखा विभाग की विजिलेंस ने मांगी रिपोर्ट

पूर्व पार्षद राजेश तिवारी ने मुख्यमंत्री के नाम चार अगस्त 2021 को शिकायती पत्र भेजकर नगर निगम के लेखा विभाग और निर्माण विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। शासन के संज्ञान लेने के बाद लखनऊ से एंटी करप्शन ने प्रशासनिक स्तर से बिंदुवार जांच आख्या मांगी है। महापौर ने मुख्य अभियंता पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर नगर विकास मंत्री से उनका तबादला कराने की पैरवी की है। उन पर 70 फीसद काम एक जेई को देने का आरोप भी लगाया है।

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