बरेली में पिछले साल कोरोना काल में एक भी बिजली कनेक्शन नहीं कटा फिर भी ठेकेदारों ने ढाई करोड़ रुपये का बिल बनाया, जेई संगठन ने भुगतान रोकने की मांग की

मंडल के बकाएदार बिजली उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटने के लिए पिछले वित्तीय वर्ष कई निजी ठेकेदारों के टेंडर हुए थे। इनमें 450 कनेक्शन काटने का टेंडर 65 हजार रुपये में तय हुआ था। यानी हर कनेक्शन काटने के एवज में करीब 141 रुपये का भुगतान बिजली महकमा ठेकेदारों को देता।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 01:33 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 01:33 PM (IST)
बरेली में पिछले साल कोरोना काल में एक भी बिजली कनेक्शन नहीं कटा फिर भी ठेकेदारों ने ढाई करोड़ रुपये का बिल बनाया, जेई संगठन ने भुगतान रोकने की मांग की
जेई संगठन ने मुख्य अभियंता को पत्र लिखकर बिल भुगतान रोकने की रखी मांग।

बरेली, जेएनएन। मंडल के बकाएदार बिजली उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटने के लिए पिछले वित्तीय वर्ष कई निजी ठेकेदारों के टेंडर हुए थे। इनमें 450 कनेक्शन काटने का टेंडर 65 हजार रुपये में तय हुआ था। यानी, हर कनेक्शन काटने के एवज में करीब 141 रुपये का भुगतान बिजली महकमा ठेकेदारों को देता। इसमें ठेकाकर्मियों का पेमेंट, ट्रांसपोर्टेशन समेत सभी खर्च शामिल हैं। मंडल के जेई संगठन का आरोप है कि कोविड काल में लॉकडाउन के दौरान आठ महीने कनेक्शन नहीं काटे गए। बावजूद इसके करीब ढाई करोड़ रुपये के बिजली कनेक्शन काटने के बिल ठेकेदारों ने दिए हैं। जेई संगठन ने इसमें साठगांठ का आरोप लगाते हुए जांच कराने की मांग रखी है। संगठन के अध्यक्ष आरके शर्मा ने बताया कि विच्छेदन स्लिप के पीछे प्रत्येक संयोजन का विच्छेदन या संयोजन के प्रमाण पत्र के रूप में फोटो लगने थे। यही नहीं, फोटो के पीछे भी उपभोक्ता का पूरा पता लिखना अनिवार्य था। लेकिन अधिकतर अधिशासी अभियंताओं ने ठेकेदारों से स्लिप नहीं ली। बिना कनेक्शन कटने का साक्ष्य लिए ही बिल आगे बढ़ा दिए। मुख्य अभियंता को दिए ज्ञापन में जेई संगठन के पदाधिकारियों ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए बिलों का भुगतान न करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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