बरेली में अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर लगेगी लगाम, डीएम ने दिए अभियान चलाने के निर्देश

अब मीरगंज तहसील में चल रहे अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर पर नकेल कसेगी। तहसील क्षेत्र में चल रहे अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर लगाम लगने के लिए अब तहसील मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक को जिला मजिस्ट्रेट स्तर से निरीक्षण का अधिकार दिया गया है।

By Sant ShuklaEdited By: Publish:Fri, 19 Feb 2021 05:05 PM (IST) Updated:Fri, 19 Feb 2021 05:05 PM (IST)
बरेली में अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर लगेगी लगाम, डीएम ने दिए अभियान चलाने के निर्देश
आदेश डीएम कार्यालय से जारी किया गया है।

 बरेली, जेेएनएन। अब मीरगंज तहसील में चल रहे अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर पर नकेल कसेगी। तहसील क्षेत्र में चल रहे अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर लगाम लगने के लिए अब तहसील मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक को जिला मजिस्ट्रेट स्तर से निरीक्षण का अधिकार दिया गया है। आदेश डीएम कार्यालय से जारी किया गया है। जारी आदेश में कहा गया है कि चिकित्सा अधीक्षक निर्धारित प्रारूप पर तहसील क्षेत्र के सभी पंजीकृत अथवा गैर पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्रों का नियमित निरीक्षण करेंगे। निर्धारित प्रारूप पर निरीक्षण उपरांत जानकारी डीएम कार्यालय को प्राप्त कराते हुए एक प्रति मुख्य चिकित्सा अधिकारी को उपलब्ध कराएंगे। सीएचसी अधीक्षक डॉ रोहन को बहेड़ी ,डॉ राजेन्द्र कुमार को आंवला ,डॉ अजमेर सिंह को नवाबगंज ,डॉ अमित कुमार को मीरगंज ,डॉ बासित अली को फरीदपुर का जिम्मा सौंपा गया है। जिले भर के अभियान का नोडल अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ जय प्रकाश मौर्य को बनाकर प्रभावी नियंत्रण का जिम्मा सौंपा गया है। जब इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मीरगंज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अमित कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आदेश उन्हें प्राप्त हो गया। शीघ्र ही अल्ट्रासाउंड सेंटर के निरीक्षण का कार्य अभियान के रूप में प्रारंभ किया जाएगा। 

अवैध रूप से चल रहे हैं अल्ट्रासाउंड 

तहसील क्षेत्र में अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर धड़ाधड़ खुलते जा रहे हैं। खास बात यह है कि इन अल्ट्रासाउंड सेंटरों में ज्यादातर में न तो मानकों के अनुरुप सुविधाएं है और न ही प्रशिक्षित ऑपरेटर हैं। कई बार इन सेंटरों से गलत रिपोर्ट भी जारी कर दी जाती है। ऐसे में मरीजों को अपने रोग की सही से रिपोर्ट भी नहीं मिलता है। परिणाम यह होता है कि मर्ज का इलाज भी सही से नहीं हो पाता है। हालांकि प्रशासन की सख्ती के चलते अब इस पर रोक लगने की उम्मीद है। 

chat bot
आपका साथी