Electricity Department Negligence News : बिजली विभाग की लापरवाही देखनी है तो जोगी नवादा आइए, यहां हाईटेंशन लाइन पर सूखते है लोगों के कपड़े

Electricity Department Negligence News बिजली विभाग की लापरवाही देखनी है तो जोगी नवादा आइए। यहां हाईटेंशन लाइन के तार पर लोगों के कपड़े सूखते दिखेंगे। बिना करंट का यह तार उनके घरों के अंदर से होकर निकल रहा है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 01:28 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 01:28 PM (IST)
Electricity Department Negligence News : बिजली विभाग की लापरवाही देखनी है तो जोगी नवादा आइए, यहां हाईटेंशन लाइन पर सूखते है लोगों के कपड़े
Electricity Department Negligence News : बिजली विभाग की लापरवाही देखनी है

बरेली, जेएनएन। Electricity Department Negligence News : बिजली विभाग की लापरवाही देखनी है तो जोगी नवादा आइए। यहां हाईटेंशन लाइन के तार पर लोगों के कपड़े सूखते दिखेंगे। बिना करंट का यह तार उनके घरों के अंदर से होकर निकल रहा है। उसके अलावा दो अन्य हाईटेंशन की लाइनें मकानों के ऊपर से गुजर रही हैं। अगर यह लाइनें टूटकर गिरेंगी तो बड़ा हादसा हो जाएगा। इसके बाद भी विभाग मौन है।

जोगी नवादा में हनुमान मंदिर वाली गली और मुल्ला जी वाली गली में लोगों के घरों के बेहद पास से हाईटेंशन लाइन गुजर रही है। एक लाइन तो बड़ी आबादी में घरों के बहुत करीब से होकर निकलती थी। करीब पांच साल पहले तत्कालीन अधीक्षण अभियंता एनके श्रीवास्तव ने दोनों लाइनों को आबादी के बीच से शिफ्ट कराने का प्लान बनाया था। कुछ जगह अंडरग्राउंड लाइन बिछाकर हाईटेंशन की लाइनें जोड़ दी गई।

इसके बाद एक लाइन से करंट हटा दिया गया। अधीक्षण अभियंता के तबादले के बाद विभाग काम पूरा नहीं करा पाया। बाकी दो लाइनें घरों के ऊपर से निकल रही हैं। विभाग ने पुरानी लाइन को भी हटाने की जहमत नहीं उठाई। अब लोग उसपर कपड़े सुखाते हैं। अगर कभी ऊपर से हाईटेंशन लाइन निष्क्रिय लाइन पर गिरेगी तो वहां बड़ा हादसा होगा।

लाेग बाेले- बनी रहती हैं खतरे की आशंका

पांच साल पहले हाईटेंशन लाइन छत के बिलकुल करीब थी। अब उसमे करंट नहीं है, लेकिन उसे हटाया नहीं गया है। अनिल

बिजली विभाग लोगों की सुरक्षा के प्रति ध्यान नहीं देता। एक साथ तीन लाइनें चल रही हैं। कभी भी हादसा हो सकता है। महेंद्र

पुरानी लाइन तो अब लोगों के कपड़े सुखाने के काम आ रही है। मगर खतरा टला नहीं है। विभाग को इस पर ध्यान देना चाहिए। नईम

पांच साल पहले एक लाइन को विभाग ने निष्क्रिय कर दिया था। उसके बाद से कोई काम नहीं कराया। खतरे की आशंका रहती है। रामगोपाल

 

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