बच्चों में तेज बुखार के साथ शरीर पर दिखें दानें तो फौरन डाक्टर को दिखाएं, बच्चा हो सकता है डेंगू का शिकार
Hello Doctor कोरोना संक्रमण का असर पिछले कुछ दिनों में कम हुआ है। लेकिन इस बीच डेंगू वायरस के साथ ही मलेरिया वायरल और टाइफाइड के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में बीमारी की पहचान बचाव और समय पर इलाज बेहद जरूरी है।
बरेली, जेएनएन। Hello Doctor : कोरोना संक्रमण का असर पिछले कुछ दिनों में कम हुआ है। लेकिन इस बीच डेंगू वायरस के साथ ही मलेरिया, वायरल और टाइफाइड के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में बीमारी की पहचान, बचाव और समय पर इलाज बेहद जरूरी है। दैनिक जागरण के ‘हेलो डाक्टर’ में एसआरएमएस मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डा.) स्मिता गुप्ता ने पाठकों के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने बताया कि बच्चों के शरीर पर दाने और बहुत तेज बुखार होना, डेंगू के लक्षण हो सकते है। पेश हैं प्रमुख अंश...।
प्रश्न : तीन दिन से बुखार रहा है। कंपकंपी भी बनी रहती है। क्या ये डेंगू है?- मीरा कुमारी, कुतुबखाना
उत्तर : तीन दिन का बुखार अमूमन एक साधारण वायरल बुखार भी हो सकता है। अगर इससे ज्यादा समय से है और साथ में जोड़ों का दर्द भी है तो डेंगू की संभावना है। बेहतर होगा कि तीन दिन बाद प्लेटलेट्स की जांच कराकर देख लें।
प्रश्न : एक डेंगू का मच्छर काटने के बाद क्या बीमारी दूसरे में भी जा सकती है?- विनोद शर्मा, नकटिया
उत्तर : अगर वही डेंगू का मच्छर दूसरे को काटे तो डेंगू वायरस दूसरे में जा सकता है। लेकिन एक डेंगू संक्रमित व्यक्ति से दूसरे शख्स में यह बीमारी नहीं जाती है।
प्रश्न : अगर आसपास मच्छर अधिक हैं, तो खुद को डेंगू और मलेरिया से कैसे बचाया जा सकता है?- सूरज गुप्ता, करगैना
उत्तर : घर में जितने भी मच्छरों से बचने के उपाय हैं, उन्हें अपनाएं। बच्चे व बड़े सभी अधिकतम शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर के अंदर पानी का जमाव न होने दें। कूलर या मनीप्लांट का पानी समय-समय पर बदलते रहें। जहां पानी इकट्ठा होता है, वहां मिट्टी का तेल डाल दें।
प्रश्न : स्कूल में बच्चों को अधिकतर बुखार रहता है। इन्हें डेंगू या मलेरिया है, कैसे पता चले। कुछ बच्चों के शरीर पर दाने भी हैं।- डा.अमित शर्मा, प्राथमिक विद्यालय मतियानगला
उत्तर : दो-तीन दिन बुखार के बाद ठीक हुआ है, तो वायरल है। बुखार 103 से 104 फारेनहाइट तक पहुंचे तो डेंगू या मलेरिया के लक्षण माने जाएं। बच्चों के खाने-पीने का ध्यान रखें। डेंगू और मलेरिया की जांच जरूर कराएं। डाक्टर से सलाह लेकर पैरासिटामोल का सीरप तत्काल उपलब्ध कराएं।
प्रश्न : कोरोना संक्रमण के दौरान विकसित हुई रोग प्रतिरोधक क्षमता क्या डेंगू वायरस के खिलाफ रोकथाम में कारगर हैं?- राधेश्याम तिवारी, सुभाष नगर
उत्तर : कोरोना संक्रमण ही नहीं, किसी भी बीमारी की रोग प्रतिरोधक क्षमता दूसरे वायरस से होने वाली बीमारियों के खिलाफ कारगर साबित हो सकती है।
प्रश्न : क्या डेंगू और मलेरिया दोनों किस्म का बुखार एक साथ हो सकता है?- ममता वर्मा, राजेंद्र नगर
उत्तर : डेंगू और मलेरिया ही नहीं बल्कि टाइफाइड भी इन दोनों बुखार के साथ हो सकता है। चूंकि डबल या ट्रिपल अटैक के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता उतनी मजबूत नहीं होती है, ऐसे में यह ज्यादा खतरनाक हो जाता है।
प्रश्न : किस तरह पता चलेगा कि बुखार साधारण है या फिर डेंगू या मलेरिया ?
उत्तर : बुखार आने के बाद पहले पता करें कि डेंगू मलेरिया है या साधारण वायरल। तीन दिन से ज्यादा होने पर टेस्ट कराएं और डाक्टर से मिलें। दवाएं समय पर लें। प्लेटलेट्स का टेस्ट एक दिन के अंतराल में कराएं। अगर प्लेटलेट्स एक लाख से नीचे गिरने लगें और शरीर में चकत्ते आएं तो तत्काल डाक्टर के संपर्क करें।
प्रश्न : शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ाने के घरेलू उपाय क्या-क्या हैं?- वीरेंद्र सोनकर, किला
उत्तर : पपीते के छिलके का जूस बनवाकर पिएं। खाने वाला एलोवीरा का जूस भी उपयोगी है। इसके अलावा फल में कीवी आदि का सेवन फायदेमंद है।