गीता की तरह खाएंगे कसम, स्वच्छता में हो जाएंगे प्रथम

स्वयं सहायता समूह चलाने वाली गीता की तरह ही अगर शहर के सभी लोग संकल्प लें तो स्वच्छता में हम निश्चित तौर पर प्रथम स्थान पर रहेंगे। गीता ने घर के आगे कूड़ा फेंकने के खिलाफ छह माह लड़ाई लड़ी। उनकी मुहिम रंग लाई और आज कूड़े की जगह वहां हरियाली नजर आने लगी हैं। सफाई देखकर वहां कोई कूड़ा फेंकने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहा है। गीता ने लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करने को पोस्टर भी लगाए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 05:04 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 05:04 AM (IST)
गीता की तरह खाएंगे कसम, स्वच्छता में हो जाएंगे प्रथम
गीता की तरह खाएंगे कसम, स्वच्छता में हो जाएंगे प्रथम

जागरण संवाददाता, बरेली: स्वयं सहायता समूह चलाने वाली गीता की तरह ही अगर शहर के सभी लोग संकल्प लें तो स्वच्छता में हम निश्चित तौर पर प्रथम स्थान पर रहेंगे। गीता ने घर के आगे कूड़ा फेंकने के खिलाफ छह माह लड़ाई लड़ी। उनकी मुहिम रंग लाई और आज कूड़े की जगह वहां हरियाली नजर आने लगी हैं। सफाई देखकर वहां कोई कूड़ा फेंकने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहा है। गीता ने लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करने को पोस्टर भी लगाए हैं।

बदायूं रोड पर तिलक कालोनी की गली के शुरू में ही गीता देवी अपने परिवार के साथ रहती हैं। वह दया स्वयं सहायता समूह की संचालिका हैं। साथ ही ब्यूटी पार्लर भी चलाती हैं। कुछ दिनों पहले तक उनके घर के आगे कूड़े का ढेर बिखरा पड़ा रहता था। कालोनी के तमाम लोग और सफाई कर्मचारी भी वहां ठेले से कूड़ा लाकर पलट जाते थे। हवा के साथ यह कूड़ा उनके घर में पहुंचता और नाले को भी चोक कर रहा था। कूड़े की दुर्गंध के कारण घर के अंदर बैठना भी मुश्किल था। करीब छह महीने पहले गीता देवी ने किसी भी हाल में डलावघर हटाने का संकल्प लिया। नगर निगम के अधिकारियों से कई शिकायतें कीं। कूड़ा फेंकने वाले लोगों से झगड़ा भी हुआ। खुद सुबह-शाम वहां पहरा दिया। बावजूद इसके कोई मानने को तैयार नहीं था। तब गीता देवी ने अपने प्रयासों से कूड़ाघर समाप्त करने का निर्णय लिया।

पांच ट्राली मिट्टी डलवाकर बनाई क्यारी

गीता देवी ने तीन दिन पहले किराए पर मशीन मंगवाई। घर के आगे से कूड़ा हटवाया। इसके बाद वहां पांच ट्राली मिट्टी मंगवाकर डलवा दी। फिर जमीन को समतल कराकर उस पर घास लगाई और फुलवारी बना दी। इससे अन्य लोग चकित रह गए। जहां लोग एक दिन पहले तक कूड़ा फेंक रहे थे, वहां कूड़ा डाला जाना बंद हो गया। दुर्गंध की जगह अब वहां फूलों की खुशबू फैलेगी।

अन्य लोगों को भी कर रहीं प्रेरित

कूड़ेदान की जगह फुलवारी बनाने के बाद गीता देवी ने अन्य लोगों को भी प्रेरित करना शुरू कर दिया है। उन्होंने अपने घर के बाहर और क्यारी में बैरिकेडिग कराकर बैनर लगा दिए हैं। उस पर दैनिक जागरण की खबर को भी दिखाया है, जिसमें लोगों की स्वच्छ सर्वेक्षण में हिस्सेदारी से जुड़ी बात दी गई थी। इसमें उनका सहयोग परमानंद नेचुरोपैथी मेडिकल इंस्टीट्यूट एंड हास्पिटल के स्वामी परमानंद ने किया है।

सभी लोग समझें जिम्मेदारी तो आएंगे अव्वल

स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में अपने शहर को 153वां स्थान मिला है। कचरा निस्तारण वाली श्रेणी में शहर को एक भी अंक नहीं मिल पाया। इसी तरह लोगों के फीडबैक में भी बहुत अधिक अंक शहर को नहीं मिले। अगर सभी लोग गीता की तरह शहर को कूड़ा मुक्त करने का संकल्प ले लें तो निश्चित तौर पर अपना शहर अगले साल स्वच्छ सर्वेक्षण में अव्वल आ सकता है।

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