बच्चे में हो भूलने की दिक्कत, तो हो सकती ऑटिज्म की बीमारी

बचपन में यदि आपका बच्चा भूलने लगें तो हो सकता है कि वहऑटिज्म रोग का शिकार हो। भूलने की यह बीमारी बचपन में ही अपना असर दिखाने लगती है। ऑटिज्म से ग्रस्त लोगों को दूसरे लोगों से बातचीत करने और घुलने-मिलने मे समस्या होती है।

By Vivek BajpaiEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 12:40 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 12:40 PM (IST)
बच्चे में हो भूलने की दिक्कत, तो हो सकती ऑटिज्म की बीमारी
आगे चलकर रोगी अपना अहित भी कर सकता है

बरेली, जेएनएन। बचपन में यदि आपका बच्चा भूलने लगें तो हो सकता है कि वहऑटिज्म रोग का शिकार हो। भूलने की यह बीमारी बचपन में ही अपना असर दिखाने लगती है। ऑटिज्म से ग्रस्त लोगों को दूसरे लोगों से बातचीत करने और घुलने-मिलने मे समस्या होती है। इनका स्वभाव, बातचीत करने का तरीका भी आम इंसानों से भिन्न होता है। आमतौर पर अभिभावक यह पहचान नहीं पाते कि बच्चा ऑटिज्म का शिकार बन चुका है। बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता है। उसके व्यवहार में भारी बदलाव आ जाता है तब अभिभावकों को इसका पता चलता है।

मनोचिकित्सक डॉ. आशीष के अनुसार जिन लोगों में ऑटिज्म के लक्षण होते हैं वे अपने आसपास के लोगों और माहौल के प्रति उदासीन हो जाते हैं। अक्सर खुद को किसी न किसी तरह नुकसान पहुंचाते हैं। दरअसल कोविड अनलॉक के बाद इस बीमारी से ग्रसित मरीजों की संख्या में बढोत्तरी देखी गई है। इसमे भी बच्चों की संख्या ज्यादा है। अस्पताल पहुचने वाले मरीजों में आटिज्म की दिक्कत देख चिकित्सक भी हैरान हैं। चिकित्सक डॉ अजय मोहन ने बताया कि अगर समय पर इसका सही इलाज न किया जाए तो यह बहुत खतरनाक हो सकता है और मिर्गी का कारण भी बन सकता है । आगे चलकर रोगी अपना अहित भी कर सकता है । इसके चलते ही ऐसे मरीजों के लक्षण के आधार पर उन्हेंं मनोचिकित्सक या मानसिक अस्पताल जाने की सलाह दे रहे हैं। 

 यह होते हैं लक्षण 

बार-बार सिर हिलाना 

एक ही तरह का व्यवहार या आवाज बार-बार करना 

देर तक एक ही तरफ देखते रहना

 बार-बार हिलना

 एक ही तरह का बॉडी पॉस्चर रखना

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