सैकड़ों सर्जरी की, अब एक छोटा ऑपरशेन करना भी मुश्किल, जानें ऐसा क्यों कह रहे बरेली के डॉक्टर

Administrative officers will also sit in OPD सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को कुछ हद तक कम करने के लिए अब शासन ने प्रशासनिक पदों पर बैठे चिकित्सकों को भी मरीजों को देखने की जिम्मेदारी सौंप दी है। सप्ताह में तीन दिन ओपीडी करने के आदेश हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 04:57 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 04:57 PM (IST)
सैकड़ों सर्जरी की, अब एक छोटा ऑपरशेन करना भी मुश्किल, जानें ऐसा क्यों कह रहे बरेली के डॉक्टर
शासन के प्रशासनिक स्वास्थ्य अधिकारियों को ओपीडी में मरीज देखने के निर्देश के बाद बोले डॉक्टर।

बरेली, जेएनएन। Administrative officers will also sit in OPD : सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को कुछ हद तक कम करने के लिए अब शासन ने प्रशासनिक पदों पर बैठे चिकित्सकों को भी मरीजों को देखने की जिम्मेदारी सौंप दी है। सप्ताह में तीन दिन दो-दो घंटे की ओपीडी करने के आदेश हैं। यानी, अब जिले में मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, एसीएमओ समेत सभी प्रशासनिक सेवाओं में लगे स्वास्थ्य अधिकारी भी ओपीडी में बैठकर मरीजों को देखेंगे। दैनिक जागरण ने आदेश के बाद प्रशासनिक स्वास्थ्य अधिकारियों से बात की, इसमें कुछ तो आदेश का पालन करने के लिए फौरन तैयार हो गए। वहीं, सीएमओ आफिस में जिम्मेदारी संभाल रहे एक स्वास्थ्य अधिकारी ने प्रशासकीय स्तर पर सालों से लगी ड्यूटी पर दर्द बयां करते हुए कहा कि पहले सैकड़ों सर्जरी कर चुके, लेकिन अब एक छोटा सा आपरेशन करना भी मुश्किल है। एक रिपोर्ट...

मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक : शासन के आदेश में मंडलीय अपर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक (एडीएसआइसी) डॉ.सुबोध शर्मा जनरल सर्जन हैं। वह 1987 को सेवा में आए। इसके बाद करीब 14 साल में सात हजार से ज्यादा छोटी-बड़ी सर्जरी करीं। इसके बाद विभिन्न प्रशासनिक पदों पर रहते हुए रामपुर सीएमओ बने और अब बरेली में एडीएसआइसी हैं। वह कहते हैं कि जरूरत पड़ने पर मरीजों की ओपीडी के लिए तैयार हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी : सीएमओ डॉ.एसके गर्ग एमडी टीबी हैं. वह वर्ष 1988 में सरकारी सेवा में आए। टीबी और चेस्ट के अच्छे डॉक्टरों में शुमार डॉ.गर्ग पहले भी विभिन्न पदों पर रहते हुए ओपीडी कर समय-समय पर मरीजों का इलाज करते रहे हैं. वह नगर स्वास्थ्य अधिकारी रहे, इस दौरान भी टीबी की ओपीडी करते रहे हैं. उन्होंने टीबी क्लीनिक में अपनी ओपीडी सोमवार और मंगलवार की लगाई है।

एसीएमओ डॉ.आरएन गिरि : एमबीबीएस के बाद डिप्लोमा इन पब्लिक हेल्थ किए डॉ.आरएन गिरी सितंबर 1992 से सरकारी सेवा में हैं। फिलहाल वह अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी हैं। उनकी ड्यूटी बुधवार और गुरुवार को पीर बहोड़ा स्थित नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लगी है। डॉ.गिरि का कहना है कि यह आदेश फायदेमंद भी है। क्योंकि इससे लंबे समय से मरीजों से दूर रहे डॉक्टर फिर से मूल काम पर लौटेंगे।

एसीएमओ डॉ.रंजन गौतम : एमबीबीएस डॉ.रंजन गौतम मार्च 1993 से सरकारी सेवा में हैं। एसीएमओ के साथ उनके पास कोविड काल में जिला सर्विलांस अधिकारी की जिम्मेदारी है। इसके अलावा भी स्वास्थ्य विभाग की कुछ प्रशासनिक जिम्मेदारी संभाल रहे डॉ.गौतम मढ़ीनाथ स्वास्थ्य केंद्र पर सोमवार और मंगलवार को ओपीडी करेंगे। डॉ.गौतम ने दो साल पहले मलेरिया फैलने पर खुद ओपीडी ली थी। उनका कहना है कि सरकार का फैसला बेहतर है। इससे सबसे बुनियादी मरीज की समस्या भी पता चलेगी।

एसीएमओ डॉ.अशोक कुमार : एमबीबीएस किए डॉ.अशोक कुमार 1998 से सेवा में हैं और फिलहाल एसीएमओ हैं। बानखाना नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उनकी ड्यूटी हर शुक्रवार और शनिवार को ओपीडी में लगाई गई है। डॉ.अशोक कुमार एसीएमओ के साथ ही नगर निगम में नगर स्वास्थ्य अधिकारी हैं। पहले भी नगर स्वास्थ्य अधिकारी रह चुके हैं। लंबे समय से ओपीडी नहीं की है। हालांकि उनका कहना है कि पद के साथ यथासंभव काम करेंगे।

इन अधिकारियों की भी लगी ड्यूटी : जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ.आरएन सिंह जाटवपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार और गुरुवार, डिप्टी सीएमओ डॉ.दिनेश कुमार सुभाष नगर स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार और शनिवार, डिप्टी सीएमओ डॉ.सीपी सिंह पुराना शहर स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार और मंगलवार, डिप्टी सीएमओ डॉ.रमेश चंद्रा मोहनपुर स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार और गुरुवार।

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