Hulas Nagra Overbridge : बरेली में रुड़की आइआइटी की टीम करेगी तीन साल पहले रखे गए थे गार्डराें का तकनीकी ऑडिट

बरेली-सीतापुर हाईवे पर हुलासनगरा रेलवे क्रासिंग पर निर्माण पूरा कराने को लेकर एक बार फिर मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद सामने आए हैं। उन्होंने एनएचएआइ के अधिकारियों को ओवरब्रिज पर रखे गार्डरों का तकनीकी ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 01:22 PM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 01:22 PM (IST)
Hulas Nagra Overbridge : बरेली में रुड़की आइआइटी की टीम करेगी तीन साल पहले रखे गए थे गार्डराें का तकनीकी ऑडिट
Hulas Nagra Overbridge : रुड़की आइआइटी की टीम करेगी तीन साल पहले रखे गए थे गार्डराें का तकनीकी ऑडिट

बरेली, जेएनएन। बरेली-सीतापुर हाईवे पर हुलासनगरा रेलवे क्रासिंग पर निर्माण पूरा कराने को लेकर एक बार फिर मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद सामने आए हैं। उन्होंने एनएचएआइ के अधिकारियों को ओवरब्रिज पर रखे गार्डरों का तकनीकी ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही रेलवे के अधिकारियों से कार्य जल्द पूरा कराने को कहा है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने बरेली-सीतापुर रोड पर फतेहगंज पूर्वी से आगे हुलासनगरा रेलवे क्रासिंग पर अब तक पुल का निर्माण पूरा नहीं किया है। करीब एक साल पहले अधूरे पुल का निर्माण करने के लिए कमिश्नर रणवीर प्रसाद ने अलग एस्टीमेट तैयार करने को एनएचएआइ के अधिकारियों से कहा था।

इस पर करीब 85 करोड़ रुपये का अलग एस्टीमेट तैयार कर मंजूर किया गया। एनएचएआइ ने फरवरी 2020 ने निर्माण के लिए पीआरएल कंपनी को काम सौंपा। जुलाई 2020 में कंपनी के साथ अनुबंध किया, जिसके बाद पुल निर्माण का काम शुरू हुआ। कार्यदायी संस्था को फरवरी 2021 तक पुल का निर्माण पूरा कर देना है।

बावजूद इसके अब तक मात्र 50 फीसद काम ही पूरा हो पाया है। मंगलवार को कमिश्नर ने एक बार फिर इस पर सक्रियता दिखाई। उन्होंने रेलवे के अधिकारियों से रेलवे के हिस्से का काम जल्द पूरा करने को कहा। रेलवे के हिस्से का निर्माण नहीं होने की वजह से ओवरब्रिज का काम लटकना बताया। कहा, जल्द डिजाइन फाइनल करके गार्डर रखे जाएं।

बोले, जो भी हुलासनगरा से गुजरते हैं, मुझसे ही अव्यवस्था की शिकायत करते हैं। उन्होंने रेलवे के हिस्से पर तीन साल पहले रखे गए गार्डरों का आइआइटी रुड़की की टीम से तकनीकी ऑडिट करवाने के निर्देश एनएचएआइ के अफसरों को दिए। 

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