बरेली एयरपोर्ट पर दिखेगी इतिहास, संस्कृति और कारोबार की झलक
बरेली एयरपोर्ट पर पुराने टर्मिनल के बाद नया टर्मिनल का भवन भी बनकर तैयार हो चुका है। लगेज स्कैनर सीसी कैमरे वेटिंग रूम के साथ पोर्च भी तैयार है। इन सुविधाओं के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी एक कदम और आगे बढ़ रहा है। बरेली की पहचान बांस बासुरी झुमका से है।
बरेली, जेएनएन। क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) के तहत तैयार बरेली एयरपोर्ट में इतिहास, पर्यटन, जरी-जरदोजी समेत कारोबार की झलक यात्रियों को देने के लिए गैलरी तैयार हो रही है। आधुनिक लुक के साथ तैयार हुए एयरपोर्ट टर्मिनल पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआइ) सुविधाएं बढ़ा रहा है। हाल में केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने एयरपोर्ट पर यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं का मुआयना किया था। नामकरण को लेकर चर्चा हुई थी, क्योंकि एएआइ को इस दिशा में भी फैसला लेना है। उड़ान का शेड्यूल अभी जारी नहीं हुआ है। एएआइ ने दिसंबर से उड़ान शुरू करने का दावा किया था। हाल में उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी भी बरेली आए थे। एलायंस एयर और जेट एयरवेज से उड़ान शुरू कराने के लिए उन्होंने भी कहा है।
बरेली एयरपोर्ट पर पुराने टर्मिनल के बाद नया टर्मिनल का भवन भी बनकर तैयार हो चुका है। लगेज स्कैनर, सीसी कैमरे, वेटिंग रूम के साथ पोर्च भी तैयार है। इन सुविधाओं के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी एक कदम और आगे बढ़ रहा है। बरेली की पहचान बांस, बासुरी, झुमका, सूरमा, अहिच्छत्र से है। धार्मिक पहचान नाथ नगरी और दरगाह आला हजरत से हैं। इसलिए एयरपोर्ट में एक गैलरी में कारोबार, इतिहास और संस्कृति की झलक दी जाएगी। इससे यात्रियों को बरेली के बारे में जानने में मदद मिलेगी। यहां एक सेल्फी प्वाइंट भी बनाया जाएगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय पर जारी कवायद में एयरक्राफ्ट कंपनी उड़ान का शेड्यूल, किराया और तारीखों को तय करने में व्यस्त है। उम्मीद जताई जा रही है कि बहुत जल्द बरेली से दिल्ली के बीच फ्लायट शुरू हो सकेगी। बरेली में दो एयरक्राफ्ट की पार्किंग दी गई है। इसकी फिनिशिंग के काम भी पूरे हो चुके हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी के डायरेक्टर राजीव कुलश्रेष्ठ ने बताया कि यात्रियों को अधिक सुविधाएं देने के लिए हमारा प्रयास जारी है। उड्डयन मंत्रालय को भी समय-समय पर वीडीयो कांफ्रेंसिंग के जरिए सूचनाएं भेजी जा रही है।