तेज बुखार के साथ जोड़ों और मांसपेशियों दर्द है तो न लें दर्द निवारक दवा, जानें क्या हो सकता हैै नुकसान
High Fever with Body Pain डेंगू का असर तेजी से बढ़ रहा है। हाल में हुई मौत के बाद स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी कुछ सजग हुए हैं। तेज बुखार के साथ जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द होने पर दर्द निवारक दवा लेना जानलेवा भी साबित हो सकती है।
बरेली, जेएनएन। High Fever with Body Pain : जिले में भी डेंगू का असर तेजी से बढ़ रहा है। हाल में हुई मौत के बाद स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी भले ही कुछ सजग हुए हैं। लेकिन डेंगू से बचाव के लिए खुद अलर्ट होना जरूरी है। तेज बुखार के साथ जोड़ों व मांसपेशियों का दर्द होने पर अमूमन लोग दर्द निवारक ले लेते हैं, लेकिन यह खतरनाक है और जानलेवा भी साबित हो सकती है।
एसआरएमएस मेडिकल कालेज में माइक्रोबायोलोजी के हेड और एमडी डा.राहुल गोयल बताते हैं कि डेंगू का मच्छर काटने पर उबकाई आती है। तेज बुखार होता है और खाने की इच्छा नहीं होती। जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होता है। ऐसे लक्षण होने पर इसे डेंगू का संदेह करते हुए दर्द निवारक दवा न खाएं। क्योंकि डेंगू में प्लेटलेट्स गिरती हैं और दर्द निवारक दवाइयां भी प्लेटलेट्स गिराती हैं। अपने डाक्टर से संपर्क कर जरूरी जांच कराएं। इस दौरान तरल पदार्थों का सेवन करें। डेंगू की जांच में एलाइजा की जांच महत्वपूर्ण है, रिपोर्ट पाजिटिव होने पर डाक्टर के निर्देश पर दवाइयां शुरू करें।
डी-2 और डी-3 वायरस ज्यादा खतरनाक : वैसे तो डेंगू वायरस का असर छह दिनों में खुद-ब-खुद कम होने लगता है। लेकिन अगर मरीज को डेंगू वायरस सीरोटाइप-2 (डी-2) और हैमरेजिक फीवर (डी-3) है तो वाकई चिंता की बात है। इनमें सीवियरिटी का अंतर है। डेंगू हैमरेेजिंग बुखार में शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने लगते हैं। इसमें प्लेटलेट्स काउंट 15 हजार से कम हो जाता है। ऐसे में नाक, पेट, दिमाग, या मसूड़े से रक्तस्राव होने लगता है। इससे भी गंभीर अवस्था डेंगू शॉक सिंड्रोम की होती है। इसमें व्यक्ति शाक सिंड्रोम की तरफ जाने लगता है। डी-2 टाइप डेंगू शाक सिंड्रोम तेजी से फैलता है। कुछ मामलों में ये दोनों जानलेवा भी साबित होते हैं।
इस माहौल में पनपता है डेंगू का मच्छर : डेंगू फैलने का समय बरसात का मौसम जाने और सर्दी शुरू होने के दौरान होता है। यह मच्छर दिन में ही काटता है और अंधेरा होते ही छिप जाता है। ऐसे में पूरे कपड़े पहने। खुले बदन न रहें। बरसात का पानी कहीं पर जमा न होने दें। इस मच्छर का लार्वा साफ पानी में पनपता है। ऐसे में साफ पानी किसी बर्तन या कूलर में भी इकट्ठा न होने दें।
इस तरह घर में ही कर सकते हैं जांच : जांच के लिए खून निकालते समय जैसे हाथ पर रबर बांधते हैं वैसे ही हाथ पर रूमाल बांध लें। अगर उसके नीचे के हिस्से में एक वर्ग फुट एरिया में बीस से ज्यादा धब्बे आ जाएं तो मान लें कि डेंगू खतरनाक स्थिति में बढ़ रहा है। अगर इससे कम भी धब्बे आते हैं तो भी इंतजार न करें और तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।