यहां पर बाघ से नहीं तेंदुआ की वजह से है दहशत, कभी घर में घुसकर तो कभी पेड़ पर चढ़कर बढ़ा रहा है ग्रामीणों की टेंशन

बरेली मंडल के पीलीभीत जिले के अमरिया क्षेत्र में बाघों को लंबे समय से विचरण करते हुए देखा जा रहा है लेकिन ग्रामीणों को उनसे कोई विशेष समस्या नहीं है। हालांकि अब जंगल से निकले तेंदुआ की वजह से इलाके में दहशत है।

By Sant ShuklaEdited By: Publish:Thu, 01 Apr 2021 06:01 PM (IST) Updated:Thu, 01 Apr 2021 06:01 PM (IST)
यहां पर बाघ से नहीं तेंदुआ की वजह से है दहशत, कभी घर में घुसकर तो कभी पेड़ पर चढ़कर बढ़ा रहा है ग्रामीणों की टेंशन
हालांकि अब जंगल से निकले तेंदुआ की वजह से इलाके में दहशत है।

बरेली, जेएनएन। बरेली मंडल के पीलीभीत जिले के अमरिया क्षेत्र में बाघों को लंबे समय से विचरण करते हुए देखा जा रहा है लेकिन ग्रामीणों को उनसे कोई विशेष समस्या नहीं है। हालांकि अब जंगल से निकले तेंदुआ की वजह से इलाके में दहशत है। इस तेंदुआ ने ग्रामीणों के साथ ही वन विभाग के अधिकारियों की भी टेंशन बढ़ा दी है।

तहसील के आबादी क्षेत्र के आस पास लगभग दस वर्षों से बाघ विचरण करते हुए देखे जाते रहे हैं। बाघों का क्षेत्र में आए दिन मूवमेंट बना रहता है। शिकार की तलाश में बाघ कभी कभी आबादी तक घूम जाते हैं। एक दो छोटी घटनाओं को छोड़कर बाघ कभी इंसानों पर हमलावर नहीं हुए हैं बल्कि कभी खेतों में दिख भी जाते हैं तो बाघों का स्वभाव ऐसा है कि इंसानों से बचकर झाड़ियों में चले जाते हैं। लेकिन जंगल से निकले तेंदुआ ने क्षेत्र में काफी दहशत फैला रखी है। तेंदुआ अक्सर ग्रामीणों के घरों में घुसकर पालतू जानवरों का शिकार कर लेता है। करीब चार महीने पहले सामाजिक वानिकी विभाग द्वारा तेंदुआ को पिंजरे में कैद करके कानपुर के प्राणि उद्यान में भेज दिया गया था। अब दूसरा तेंदुआ इस क्षेत्र में सक्रिय हो गया है। जंगल से निकलकर तेंदुआ ने ड्यूनीडाम क्षेत्र के आसपास इलाके के पैरी फार्म से लेकर सूरजपुर, रसूला खलीनवादा, विशनपुर आदि गांव दस्तक दे रहा है। शिकार की तलाश में फार्म हाउस की चहारदिवारी फांद कर अंदर घुस रहा है। एक सप्ताह पहले सूरजपुर के एक मकान घुस गया था। पांच दिन पहले पैरी फार्म हाउस में घुसकर गोबर के ढेर पर बैठा रहा। शोर-शराबा करने पर तेंदुआ खेतों में चला गया था। एक दिन पहले सूरजपुर गांव में विगत मंगलवार रात्रि नौ बजे तेंदुआ मंजीत सिंह के फार्म हाउस में घुस गया था। पैरी फार्म से निगरानी कर लौट रहे वनकर्मी चेतन कुमार, राजीव ढाली ने तेंदुआ को घर से छलांग लगाते देखा था। जिससे उनके भी होश उड़ गए। कभी कभी तेंदुआ पेड़ पर चढ़ जाता है। जिससे अधिक दहशत रहती है। ग्रामीणों को आशंका है कि कभी भी तेंदुआ हमलावर हो सकता है। ऐसे में दहशत के कारण खेतों पर काम करने में काफी मुश्किलें आ रही हैं। हालांकि वन विभाग कर्मचारी तेंदुए की रोजाना मानीटरिंग करते हैं।

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तेंदुआ दिन में तो झाड़ियों में छुपा रहता है। शाम होते ही आबादी की तरफ रुख करने लगता है। जिससे रात में काफी दहशत रहती है। घरों से निकलना मुश्किल है।

मिंटा सिंह

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बाघ तो काफी समय से रह रहे हैं लेकिन उनसे ज्यादा दिक्कत नहीं है। तेंदुआ बहुत ख़तरनाक है जो घरों के आसपास घूमता है। दीवार फांदकर अंदर घुस जाता है।

हरनिंदर सिंह

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ड्यूनीडाम से लेकर देवहा नदी किनारे तक एक दशक से बाघों का कुनबा प्रवास किए हुए हैं। जिनकी चहलकदमी आबादी तक रहती है। सतर्क रहकर खेतों में काम करना पड़ता है। तेंदुआ तो लोगों के घरों में घुस जाता है।

श्रवण दत्त सिंह

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श्मशान घाट से लेकर फार्म हाउस के आस पास तक तेंदुए का मूवमेंट बना रहता है। जिससे काफी दिक्कतें हैं। पांच दिन पहले फार्म हाउस के अंदर तेंदुआ घुस गया था। शोर-शराबा करके भगाया था।

परमवीर सिंह पैरी

इनसेट

तेंदुआ का लगातार मूवमेंट मिल रहा है। जिसको पकड़ने के लिए विभाग द्वारा परमीशन ली जा रही है। पैरी फार्म सूरजपुर आदि स्थानों पर जहां तेंदुआ का मूवमेंट बना हुआ है, उन स्थानों पर विभाग द्वारा पिंजरे लगाए जाएंगे।

संजीव कुमार, डीएफओ, सामाजिक वानिकी

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