बदायूं में बंदरों ने ले ली राजमिस्त्री की जान, पहले छत से नीचे गिराया, फिर नीचे आकर नाखूनों से शरीर नोचा
Herd of Monkeys Took Life of Mason in Badaun बदायूं शहर कोतवाली क्षेत्र के मुहल्ला नई सराय में बंदरों ने एक अधेड़ की जान ले ली। बदरों के हमले से बचने के प्रयास में अधेड़ छत से नीचे सड़क पर जा गिरा जिससे उसकी मौत हो गई।
बरेली, जेएनएन। Herd of Monkeys Took Life of Mason in Badaun : बदायूं शहर कोतवाली क्षेत्र के मुहल्ला नई सराय में बंदरों ने एक अधेड़ की जान ले ली। बदरों के हमले से बचने के प्रयास में अधेड़ छत से नीचे सड़क पर जा गिरा, जिससे उसकी मौत हो गई। हादसे के बाद मुहल्ले के लोग एकत्र हो गए। अधेड़ के स्वजन ने पोस्टमार्टम कराने से इन्कार करते हुए सूचना पुलिस को नहीं दी। हादसे के बाद घर में कोहराम मचा हुआ है। वहीं बंदरों के आतंक से निजात न दिलाए जाने को लेकर मुहल्ले के लोगों में पालिका प्रशासन के प्रति आक्रोश व्याप्त है।
शहर के मुहल्ला नई सराय निवासी सहरुद्दीन उर्फ छोटे पुत्र वैजुद्दीन लाेगों के घर बनाने में मिस्त्री का काम करते थे। सोमवार को काम न होेने के चलते वह घर पर ही थे। इस दौरान वह छत पर सफाई के इरादे से गए थे। छत पर पहले से मौजूद बंदर उन्हें देख उनकी तरफ दौड़े, जिनसे बचने के चक्कर में सहरुद्दीन छत से नीचे सड़क पर जा गिरे। बंदरों का एक झुंड सहरुद्दीन के साथ नीचे सड़क पर पहुंच गया और उन्हें नोंचने लगा। यह देख आसपास के लोगों ने बंदरों को भगाया तो बंदर उनकी तरफ दौड़ पड़े। लोगों ने खुद को बचाया और बंदरों को भगाया।
इसके बाद स्वजन व मुहल्ले के लोग सहरुद्दीन को लेकर जिला पुरुष अस्पताल पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने गंभीर हालत को देखते हुए तत्काल बरेली ले जाने के लिए कहा। स्वजन उन्हें बरेली ले जाते इससे पहले ही सहरुद्दीन ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। इसके बाद स्वजन सहरुद्दीन के शव को लेकर घर पहुंचे। जहां स्वजन ने मुहल्ले के लोगों से बातचीत की और शव को सुपुर्द ए खाक किए जाने की तैयारी करने लगे। मामले की सूचना पुलिस को दी गई, लेकिन स्वजन ने पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया। नई सराय चौकी इंचार्ज राजेश कौशिक ने बताया कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
बंदरों के आतंक से मुहल्लेवासी परेशानः मुहल्ला नई सराय निवासी लोगों ने बताया कि यहां बंदरों का बहुत आतंक है। सुबह आंख खुलने के साथ ही बंदर उत्पात मचाने आ जाते हैं। लोगों के घरों से कपड़े व सामान ले जाना तो आम बात है। इससे घटना से पहले भी बंदरों के आंतक से कई लोग घायल हो चुके हैं। बताया कि कई साल पहले नगर पालिका ने बंदर पकड़ने को लेकर कोई अभियान चलाया था, लेकिन अब फिर बंदरों ने परेशान करना शुरू कर दिया है। मुहल्ले के शमसुल, इफ्तिकार, मो. असलम, जावेद, कुतबुद्दीन, रमेश आदि ने मांग की है कि नगर पालिका बंदरों को पकड़ने के लिए अभियान चलाकर इस समस्या से निजात दिलाए।
कुछ दिन पहले भी हो चुके हादसेः मुजरिया थाना क्षेत्र के गांव दरियापुर में 19 सितंबर को बंदरों के झुंड ने एक बुजुर्ग पर हमला कर दिया था। इससे बुजुर्ग की भी छत से गिरकर मौत हो गई थी। वहीं पिछे साल दस सितंबर को जरीफनगर थाना क्षेत्र के गांव दियोहरा शेखूपुर निवासी जनार्दन भारद्वाज की सहवान के नयागंज मुहल्ले में बंदरों के हममले के चलते छत से गिरकर मौत हाे गई थी। इससे पहले फैजगंज बेहटा में कुछ साल पहले ओरछी में ऊषा पत्नी रमेश को बंदरों ने छत पर कपड़े सुखाने के दौरान दौड़ा लिया था। जिससे वह छत से गिर कर घायल हो गई थीं। वहीं कुंवरगांव के कासिमपुर में भी शांति देवी की बंदरों के हमले से ही छत से गिरकर मौत हो चुकी है।