थाईलैंड के नौ व तमिलनाडु के दो तब्लीगी जमातियों की अर्जी पर सुनवाई पूरी, फैसला 14 अगस्त को
तब्लीगी जमातियों की ओर से मुकदमा में आरोप मुक्त करने के लिए दी गई अर्जी पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) ओमवीर सिंह की कोर्ट में बहस हुई।
शाहजहांपुर, जेएनएन : तब्लीगी जमातियों की ओर से मुकदमा में आरोप मुक्त करने के लिए दी गई अर्जी पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) ओमवीर सिंह की कोर्ट में बहस हुई। इस पर फैसला 14 अगस्त तक के लिए सुरक्षित रख लिया गया है। जमातियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोर्ट में पेश भी किया गया। बुधवार को थाईलैंड के नौ व तमिलनाडु के दो जमातियों को अस्थायी जेल से सीजेएम के सामने पेश किया गया। उसके बाद जमातियों की ओर से दाखिल अर्जी पर जमातियों के वकील एजाज हसन, अचल सक्सेना, फिरासत अली व मो. इरफान ने बहस की। उनका कहना था कि जमातियों के खिलाफ जो आरोपपत्र प्रस्तुत किए गए हैं उनमें शामिल धाराओं के तहत जमातियों पर कोई अपराध नहीं बनता है। शहर में आने से पूर्व उन्होंने स्थानीय प्रशासन प एलआइयू को सूचित किया गया था। जमातियों को न कोरोना है और न ही कोई लक्षण हैं। क्वारंटाइन की अवधि भी पूरी हो चुकी है। महामारी अधिनियम के उल्लंघन का अपराध भी साबित नहीं हुआ है। हर व्यक्ति को अपने धार्मिक स्थल पर जाने का अधिकार है। वे लोग वैध पासपोर्ट व वीजा लेकर आए थे। ये सब जमतियों को आरोपमुक्त करने के पर्याप्त आधार हैं। अभियोजन अधिकारी लाल साहब सिंह ने वकीलों के तर्कों का विरोध किया, जिसके बाद सीजेएम ने फैसला अगली तिथि तक सुरक्षित रख लिया।
खारिज हो चुकी है जमानत
थाईलैंड के जमातियों की जिला जज रामबाबू शर्मा की कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है। शहर के मुहल्ला खलील शर्की स्थित मरकज में रुके थाईलैंड के नौ, तमिलनाडु के दो जमातियों को मरकज के केयरटेकर के साथ दो अप्रैल को मेडिकल कालेज में क्वारंटाइन कराया गया था। सैंपल की जांच में थाईलैंड के एक जमाती की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी। जिसके बाद पुलिस ने तब्लीगियों पर टूरिस्ट वीजा की आड़ में धार्मिक गतिविधियों के प्रचार प्रसार समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कर 30 अप्रैल को अस्थायी जेल भेजा था।