बरेली मे परेशान हुआ स्वास्थ्य विभाग, लोग पूछ रहे डाक्टर साहब, कोवैक्सीन लगवा ली, अब विदेश कैसे जाएं, जानिए क्या मिल रहा जवाब
हेलो डॉक्टर साहब। बेटे को नौकरी के सिलसिले में विदेश भेजना है पासपोर्ट के साथ वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। उसमें कोवैक्सीन को मान्यता ही नहीं दे रहे हैं। शहर के सिविल लाइंस निवासी एक व्यक्ति ने जिला प्रतिरक्षण अधिकारी को फोन कर यह जानकारी दी।
बरेली, जेएनएन। : हेलो, डॉक्टर साहब। बेटे को नौकरी के सिलसिले में विदेश भेजना है, पासपोर्ट के साथ वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। उसमें कोवैक्सीन को मान्यता ही नहीं दे रहे हैं। शहर के सिविल लाइंस निवासी एक व्यक्ति ने जिला प्रतिरक्षण अधिकारी को फोन कर यह जानकारी दी। यह सिर्फ इस एक परिवार की दिक्कत नहीं, बल्कि जिले में सैकड़ों ऐसे लोग परेशान हैं, जिन्हें पढ़ाई या नौकरी के सिलसिले में विदेश जाना है। लेकिन कोवैक्सीन लगवा लेने के कारण वह विदेश नहीं जा पा रहे हैं।
दरअसल डब्ल्यूएचओ की ओर से अब तक कोवैक्सीन को इमरजेंसी यूज लिस्टिंग (इयूएल) में शामिल नहीं किया गया है। इसके चलते कई देशों ने कोवैक्सीन लगवाने वालों को एंट्री नहीं दी जा रही है। जिले में भी कई लोग अब तक कोवैक्सीन लगवा चुके हैं। जानकारी मिलने के बाद अब कोवैक्सीन लगवाने वाले लोग स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर रहे हैं। इसमें बड़ी संख्या में कई छात्र भी शामिल हैं, जिन्हें विदेश पढ़ाई के लिए जाना था।
जिन देशों ने अंतरराष्ट्रीय यात्राओं की छूट दी है उन्होेंने विश्व स्वास्थ्य संगठन की सूची में शामिल वैक्सीन को ही मान्यता दी गई है। इस सूची में कोवैक्सीन शामिल नहीं है। इसके चलते ही वीजा एप्लाई करते समय पासपोर्ट के साथ वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। लेकिन प्रमाण पत्र पर कोवैक्सीन लिखा होने पर उन्हें वीजा जारी नहीं किए जा रहे हैं।
कोविड प्रमाण पत्र में पासपोर्ट नंबर जरूरी
विदेश यात्रा करने वालों से अब कोविड प्रमाण पत्र में आधार कार्ड का नंबर नहीं बल्कि पासपोर्ट का नंबर मांगा जा रहा है। इसके लिए भी लोग जिला प्रतिरक्षण अधिकारी के कार्यालय के चक्कर लगा रहे है। बड़ा सवाल है कि अब कैसे बदला जा सकता है। शासन को इसकी जानकारी दे दी गई है। उम्मीद है कि पोर्टल में वन टाइम चेंज होने का विकल्प दिया जा सकता है।
कोविशील्ड पर शासन ने जारी किए निर्देश
कोविशील्ड की पहली डोज लगवाने के बाद अब दूसरी डोज का समय 28 दिन से बढ़ाकर दो महीने तक कर दिया गया है। लेकिन जिन्हें विदेश जाना है, उन्हें परेशानी आ रही थी। इसे देखते हुए शासन ने निर्देश जारी किए हैं कि अगर किसी व्यक्ति को विदेश जाना है तो उसके 28 दिन पूरे होने पर उन्हें दूसरी डोज लगाई जा सकती है। इसके लिए पोर्टल अपडेट करने का काम शुरू कर दिया गया है।
विदेश जाने वालों के सामने कोवैक्सीन को लेकर समस्या आ रही हैं। लेकिन अब तक इसका कोई विकल्प नहीं है। जानकारी शासन को दे दी गई है। कोविशील्ड के लिए निर्देश मिले थे, उस पर काम शुरू कर दिया गया है।- डा. आर एन सिंह, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी