संक्रमित की मौत पर स्वास्थ्य विभाग ने किया ये कारनामा, जानकर रह जाएंगे हैरान

महिला के परिजनों को यह कहकर घर भेज दिया गया कि लोगों को मालूम चलेगा कि मां संक्रमित थी तो कोई घर नहीं आएगा। परिजन शव घर न ले जाकर सीधे श्मशान भूमि ले गए और अंतिम संस्कार कर दिया।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 09:06 AM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 01:54 PM (IST)
संक्रमित की मौत पर स्वास्थ्य विभाग ने किया ये कारनामा, जानकर रह जाएंगे हैरान
संक्रमित की मोत पर स्वास्थ्य विभाग के कारनामें वाली खबर का फाइल फोटो

बरेली, जेएनएन।  कोरोना संक्रमितों के इलाज और उन्हें आइसोलेट कराने में जारी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही अब चरम पर पहुंच चुकी है। स्थिति यह है कि लापरवाही के चलते एक अधेड़ महिला की मौत हो गई। मामला दबाने के लिए महिला के परिजनों को यह कहकर घर भेज दिया गया कि लोगों को मालूम चलेगा कि मां संक्रमित थी तो कोई घर नहीं आएगा। परिजन शव घर न ले जाकर सीधे श्मशान भूमि ले गए और अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद गलती छिपाने के लिए विभाग ने पॉजिटिव आई रिपोर्ट को निगेटिव कर दिया।

शहर के सनराइज एंक्लेव निवासी राजीव रोडवेज में संविदा कर्मचारी हैं। उनकी मां राजकुमारी की तबियत बीते कई दिनों से खराब चल रही थी। उन्होंने एक निजी अस्पताल में मां को भर्ती कराया। सोमवार को इलाज कर रहे चिकित्सक ने राजीव को बताया कि मां की हालत बिगड़ रही है। उन्हें किसी अन्य अस्पताल में ले जाएं। राजीव शहर के दो तीन बड़े अस्पतालों में गए लेकिन किसी ने उन्हें भर्ती नहीं किया। सभी ने पहले कोविड जांच कराने के लिए कहा। इस पर राजीव जिला संयुक्त चिकित्सालय ले गए, जहां राजकुमारी की कोविड जांच की गई, जिसमें वह पाजीटिव आईं। इस पर सूचना सर्विलांस टीम को दी गई तो उन्हें कोविड एल-3 अस्पताल में रेफर कर दिया गया।

वहां पहुंचने पर राजीव को बताया गया कि उनकी मां का आक्सीजन स्तर बहुत कम है। उन्हें आइसीयू में भर्ती करवाना होगा। लेकिन यहां बेड खाली नहीं है। इसके बाद कोविड एल-3 में मौजूद चिकित्सक ने पर्चे पर अपनी रिपोर्ट लगाई और बेड न होने की बात कहकर जिला संयुक्त चिकित्सालय में वापस ले जाने को कहा। राजकुमारी को जब तक जिला संयुक्त चिकित्सालय लाया गया तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। जिला अस्पताल पहुंचने पर राजकुमारी को मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद जब परिजनों ने पूछा कि अब क्या करना है तो सर्विलांस टीम में शामिल एक कर्मचारी ने उन्हें गुमराह करते हुए घर जाने की सलाह दी। इसके बाद परिजनो ने खुद ही उनका अंतिम संस्कार किया। कोरोना संक्रमण जैसी गम्भीर महामारी के दौर में स्वास्थ्य विभाग लापरवाही और गलतियों से भरा पड़ा है।

ऐसे खुली विभाग की पोल

सनराइज एंक्लेव में रहने वालों को जब जानकारी हुई कि राजीव की मां की मौत हो गई है। लोगों ने पूछताछ की तो राजीव ने पूरा मामला बताया। धीरे धीरे विभाग की इस करतूत की जानकारी कई लोगों तक पहुंची तो इसकी पड़ताल की गई। इस पर शासन द्वारा जारी की गई वेबसाइट पर राजकुमारी की रिपोर्ट देखी गई तो चौकाने वाली बात सामने आई। विभाग ने राजकुमारी की रिपोर्ट ही बदल दी थी। पोर्टल पर उनकी रिपोर्ट निगेटिव दिख रही थी।मेरी मां को आक्सीजन की जरूरत थी राजकुमारी के पुत्र राजीव कुमार ने बताया कि मां को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।

कोरोना की जांच कराने के समय में ही बताया गया था कि उनका मामला गंभीर है। बाद में कोविड अस्पताल पहुंचे तो वहां भी उनकी जांच होने पर आक्सीजन स्तर 60 से कम आया था। उन्हें भर्ती करने में देरी हुई इसके चलते ही उनकी मौत हो गई। राजीव ने बताया कि मां की मौत कोविड एल-3 के बाहर ही हो गई थी। कहा कि स्वास्थ्य विभाग ओर कोविड अस्पताल के बीच उन्हें चक्कर लगवाए जाते रहे। जबकि मां को आक्सीजन की जरूरत थी। आक्सीजन मिलती तो शायद मां बच जाती।

कोविड एल-3 में आइसीयू बेड खाली न होने की जानकारी मिली है। लेकिन इसके चलते किसी महिला की मौत हो गई, इसकी जानकारी नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट बदल दिए जाने के संबंध में भी पूछताछ की जा रही है। - डा. रंजन गौतम, जिला सर्विलांस अधिकारी 

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