मच्छरों के आतंक को लेकर अलर्ट हुआ स्वास्थ्य विभाग, डेंगू रोकने लिए घरों से निकलवा रहा पानी
गत वर्ष डेंगू का दंश झेल चुके जिले में इस बार यहां विराल रूप लेने से पहले ही स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। जिले में डेंगू की रोकथाम के लिए डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स तैनात किए गए हैं। जो घर-घर जाकर डेंगू के लार्वा और जल भराव खत्म कर रहे हैं।
बरेली, जेएनएन। गत वर्ष डेंगू का दंश झेल चुके जिले में इस बार यहां विराल रूप लेने से पहले ही स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। जिले में डेंगू की रोकथाम के लिए डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स तैनात किए गए हैं। जो घर-घर जाकर डेंगू के लार्वा और जल भराव खत्म कर रहे हैं। साथ ही इस बीमारी के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी डी आर सिंह ने बताया कि जिले में 62 डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स नगर निगम और नगर पंचायत क्षेत्रों में तैनात किए गए हैं। 2019 -20 में बरेली में करीब 264 लोग डेंगू से प्रभावित हुए थे । जनपद के -सुभाष नगर, सी.वी गंज, मीरगंज, धौरा टांडा, बहेडी आदि क्षेत्रों से अधिकांश लोग डेंगू के चपेट में आए थे। इन क्षेत्रों में बरेली में डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स एवं दस्तक अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर - घर जाकर सघन अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने ने बताया कि डेंगू मादा एडीजइजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। यह मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं। डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है एडीजइजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता है। यह मच्छर अक्सर दिन में और शरीर के खास हिस्से एंकल या एल्बो में काटते हैं।
बच्चों का इम्युनिटी सिस्टम ज्यादा कमजोर होता है और वे खुले में ज्यादा रहते हैं इसलिए उनके प्रति सचेत होने की ज्यादा जरूरत है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अभय शुक्ला ने जनता से अपील की थी पैरंट्स ध्यान दें कि बच्चे घर से बाहर पूरे कपड़े पहनकर जाएं। जहां खेलते हों, वहां आसपास जल भराव न हो।
कैसे फैलता है डेंगू -
डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस काफी होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू से पीड़ित हो जाता है। मच्छर के काटे जाने के करीब 3-10 5 दिनो में फैलता हैं।
डेंगू के तीन प्रकार
क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार, डेंगू हैमरेजिक बुखार (डीएचएफ), डेंगू शॉक सिंड्रोम (डीएसएस)। बुखार आने पर तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें। आवश्यक लगे तो डेंगू की जांच कराएं।
लक्षण
-ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढ़ना
-सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
-आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जो आंखों को दबाने या हिलाने से और बढ़ जाता है
-बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना और जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना
-गले में हल्का-सा दर्द होना या मसूड़ों में खून आना
शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना
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क्या करें
- मच्छर से बचाव और वक्त पर इलाज से स्थिति सुधर सकती है
- घर या ऑफिस के आसपास साफ पानी भी जमा न होने दें
- अगर पानी जमा होने से रोकना मुमकिन नहीं है तो वहां केरोसिन ऑयल डालें
- फ्रिज की डिफ़्रास ट्रे, कूलर , फूलदान का पानी हफ्ते में एक बार और पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज पूरी तरह से खाली करें
- घर में टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें। अगर रखें तो उलटा करके रखें
- डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इसलिए पानी की टंकी बंद रखें
- सोते समय मच्छरदानी लगाएं