अदाकारी की पाठशाला में निखरते हैं नन्हे कलाकार
पर्वतीय समाज की रामलीला के लिए कलाकारों का रिहर्सल शुरू हो चुका है।
जागरण संवाददाता, बरेली : पर्वतीय समाज की रामलीला के लिए कलाकारों का रिहर्सल शुरू हो चुका है। समाज की रामलीला में स्थानीय बच्चे ही विभिन्न पात्रों की भूमिका निभाते हैं। सुबह पढ़ाई के लिए स्कूल जाना और फिर होमवर्क कर शाम को वह अदाकारी के कड़े अभ्यास में जुट जाते हैं, जहां वह कलाकारी के हुनर सीखने के साथ ही अपने व्यक्तित्व को भी निखारते हैं, जिससे हजारों लोगों के सामने भी बिना संकोच अपनी बात कह सकें।
राजेंद्र नगर के सी ब्लॉक में बाला जी मंदिर के सामने पर्वतीय समाज की रामलीला का मंचन वर्ष 1980 में शुरू हुआ। उस समय इसकी शुरुआत सूबेदार मेजर मोहन सिंह भंडारी, राधा बल्लभ भट्ट, घनश्याम पांडे, सदानंद पांडे, प्रकाश जोशी आदि ने मिलकर की। उसके बाद से लगातार प्रति वर्ष यहां पर रामलीला मंचन होता है, जिसमें स्थानीय बच्चे ही पात्रों को निभाते हैं। उत्तराखंड सांस्कृतिक समाज के आनंद सिंह भंडारी ने बताया कि इस वर्ष 38वां आयोजन है। पर्वतीय समाज के मेधावी बच्चों को भी सम्मानित किया जाता है, जिससे उन्हें प्रोत्साहित किया जा सके।
कलाकारों का चुनाव करने से पहले लेते हैं टेस्ट
महासचिव पीएस जीना ने बताया कि रामलीला में मंचन के लिए टेस्ट पास करने वाले बच्चों को उनकी योग्यता के अनुसार पात्र दिए जाते हैं। फिर पात्रों के अनुसार उन्हें संवाद बोलना, स्टेज पर खड़े होना आदि का रिहर्सल कराया जाता है।
निर्देशक मंडल निखार रहा है हुनर
उन्होंने बताया कि इसके लिए निर्देशक मंडल भी नियुक्त हैं, जिसमें आरपी तिवारी, कमल किशोर आर्या, मुरारी लाल शाह, रमेश चंद्र तिवारी, राजेंद्र पाठक, केसी पंत शामिल हैं। यह लोग प्रतिदिन शाम को बच्चों को कलाकारी के हुनर सिखाते हैं। इस वर्ष 38वां श्रीरामलीला महोत्सव का आयोजन 13 से 20 अक्टूबर तक होगा।