सरकार की इस पहल से होगी ग्राम पंचायतों की कमाई, नहींं जलेगी पराली, जानिए कैसे

किसानों की धान काटने का काम इस बार ग्राम पंचायतें भी करेंगी और इससे अच्छी कमाई भी करेंगी। इसके लिए ग्राम पंचायतें फसल अवशेष प्रबंधन की मशीनों की खरीदारी करेंगी। जिससे वह अपने गांव के किसानों के धान काटेंगी।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 07:16 PM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 07:16 PM (IST)
सरकार की इस पहल से होगी ग्राम पंचायतों की कमाई, नहींं जलेगी पराली, जानिए कैसे
सरकार की इस पहल से होगी ग्राम पंचायतों की कमाई वाली खबर में प्रतीकात्मक फोटो

बरेली, जेएनएन। किसानों की धान काटने का काम इस बार ग्राम पंचायतें भी करेंगी और इससे अच्छी कमाई भी करेंगी। इसके लिए ग्राम पंचायतें फसल अवशेष प्रबंधन की मशीनों की खरीदारी करेंगी। जिससे वह अपने गांव के किसानों के धान काटेंगी। साथ ही आसपास गांवों के किसानों के धान की कटाई कर अच्छी खासी कमाई कर सकेंगी। इससे फसल अवशेष प्रबंधन भी होगा, वो अलग।

प्रदेश सरकार ने इस बार पराली जलाने को लेकर अभी से सख्त रवैया अख्तियार कर लिया है। इसके लिए जिला प्रशासन को सख्त हिदायत देने के साथ ही नई पहल भी शुरू की है। पिछले वर्ष जनपद में जिन ग्राम पंचायतों में पराली जलाने की घटनाएं सबसे अधिक हुई थी। उनमें से कुछ ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। इन ग्राम पंचायतों को फसल अवशेष प्रबंधन के उपकरण खरीदनें होंगे।

इससे ग्राम पंचायतें अपने गांव के किसानों के खेत में धान की कटाई भाड़े पर करा सकेंगी। इसके अलावा आसपास के गांव के किसानों के धान के फसल की कटाई करेंगी। खास बात है कि इन उपकरणों से धान की कटाई करने के बाद अवशेष रह नहीं जाएगा। जिसे किसान खेत में जला सके। इसके लिए सूबे की सरकार ने मशीनरी बैंक स्थापित किया है। जिसमें 14 मशीनें सूचीबद्ध की गई है। इन्हीं में से दो या दो से अधिक ग्राम पंचायतों को खरीदना होगा। इससे ग्राम पंचायतों की आय भी होगी।

80 फीसद कृषि विभाग देगा अनुदान

जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि ग्राम पंचायतों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए खरीदी गई मशीनरी पर कृषि विभाग 80 फीसद पांच लाख में से चार लाख रुपये दोनों में जो हो का अनुदान देगा। खास बात है कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए स्थापित मशीनरी बैंक में सूचीबद्ध 14 मशीनों में से निजी तौर पर किसान भी खरीदारी कर सकता है। मशीनरी खरीदारी के बाद किसान को 50 फीसद अनुदान कृषि विभाग मुहैया कराएगा। यह अनुदान बाद में डीबीटी के माध्यम से मुहैया कराया जाएगा।

ग्राम पंचायतें मशीनरी बैंक में सूचीबद्ध 14 मशीनों में से दो या दो से अधिक मशीनें खरीद सकती हैं। जिसमें कृषि विभाग उनको 80 फीसद तक अनुदान मुहैया कराएगा। - धीरेंद्र सिंह चौधरी, जिला कृषि अधिकारी

पराली जलाने पर पूरी तरह से पाबंदी है। ग्राम पंचायतें व किसान भी निजी तौर पर फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मशीनें खरीद सकते हैं। इन मशीनों से धान की कटाई के बाद खेत में फसल अवशेष रहेगा ही नहीं। - चंद्र मोहन गर्ग, प्रभारी डीएम

 

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