बदलाव की कोशिश : गांवों के हालात पर शासन की नजर, दौड़ लगा रहे मंत्री और अफसर Bareilly News
सरकारें और अफसर बदलते रहे लेकिन जनता के मुंह से शिकायत में निकलने वाले अल्फाज वही पुराने रहे।
जेएनएन, बरेली : सरकारें और अफसर बदलते रहे लेकिन जनता के मुंह से शिकायत में निकलने वाले अल्फाज वही पुराने रहे। मसलन थानों में पुलिस नहीं सुन रही, तहसीलों में लेखपालों का रवैया नहीं बदला, ब्लॉक के कर्मचारी बेलगाम हैं, स्कूलों में शिक्षा बदहाली का शिकार है और अस्पतालों में इलाज के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैैं। यही जमीनी हकीकत है और जनप्रतिनिधियों से लेकर अफसर तक इससे रूबरू हैं। लखनऊ तक इस हकीकत का एहसास है। इसीलिए हालात में बदलाव के लिए सीधे मॉनीटरिंग की जा रही।
मंत्री व अफसरों को गांव तक भेजा जा रहा ताकि उस तस्वीर की बदला जा सके, मगर हालात कब सुधरेंगे, इस पर सवाल है। सिस्टम में सुधार के प्रयास जिला स्तर के बजाय शासन से ज्यादा हो रहे हैैं। अमले के कामकाज और विकास की रफ्तार पर लखनऊ से नजर रखी जा रही है। इसी का प्रमाण है कि प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा के साथ बतौर एक्सपर्ट सीनियर आइएएस नवनीत सहगल को जिले का नोडल अधिकारी बनाया गया है।
तीन माह में दो बार आ चुके मंत्री
प्रभारी मंत्री श्री कांत शर्मा तीन महीने में दो बार दौरा कर चुके हैं। कई खामियां मिलीं, हिदायत भी दे गए थे। बीस नवंबर को नोडल अधिकारी नवनीत सहगल गांवों का दौरा कर गए थे। कमियां पाए जाने पर एक को निलंबित कर दिया, सात अन्य पर भी कार्रवाई के लिए कहा। अब 18 को वह दोबारा आ रहे।
इस बीच पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी गांवों का निरीक्षण करके जा चुके हैैं। उनसे पहले एडीएम सिटी रहे ओपी वर्मा को धान क्रय केंद्रों की चेकिंग के लिए नोडल अधिकारी बनाकर भेजा जा चुका है। खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ी की शिकायत मिली तो मुख्यमंत्री ने एसआइटी का गठन कर दिया।
वहीं जिले में कानून व्यवस्था पर सवाल उठने पर एसएसपी शैलेष पांडेय भ्रष्टाचार से जुड़े मामले आने पर दो दिन में ही छह दारोगा व सिपाहियों को निलंबित कर चुके हैं।
पकड़ में आ चुकीं ये कमियां
-विभागों में तालमेल नहीं होने से अटके बड़े काम
-खराब गुणवत्ता के चलते सालभर में ही टूट रहीं सड़कें
-अफसरों की कमजोर मानीटङ्क्षरग से निचले स्तर पर मनमानी
-शिकायतों के निस्तारण में बरती जा रही शिथिलता
-नहीं बदला किसानों से जुड़े विभागों का रवैया
क्या कह चुके प्रभारी मंत्री : जिले के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा भी मानते हैं-सिस्टम में लगा घुन पुराना है। जल्द उसे निकालना कठिन है लेकिन उम्मीद है, हम कर लेंगे। भ्रष्ट तंत्र और हमारे बीच रस्साकसी चल रही है। बदलाव के लिए जरूरी है कि डीएम, एसएसपी, सीडीओ आदि विभागों के मुखिया गांव तक जाकर काम करने वाले अमले को कसें।
मौके पर जाकर विभागीय अफसरों को कलेक्ट्रेट बुलाकर सुधार के लिए कह रहे हैैं। फोकस कार्रवाई पर नहीं, कमियां दूर कराने पर है। कहने से बात नहीं बनेगी, तब बड़ी कार्रवाई से भी गुरेज नहीं किया जाएगा।
-नितीश कुमार, डीएम