Jagran Abhiyaan : दरवाजे पर सरकारी व्यवस्था पहुंचने से हुआ गांव की तस्वीर बदलने का आगाज Bareilly News
शिविर लगाकर दवाएं बांटी गईं आयुष्मान योजना के कार्ड बनवाए गए किसान सम्मान निधि के आवेदन मांगे गए। एसडीएम ने कहा गांव के विकास के लिए वे सुझाव दें उन पर अमल किया जाएगा।
जेएनएन, बरेली : गांवों की तस्वीर बदलने के लिए दैनिक जागरण ने जो पहल की, उसमें सरकारी व्यवस्था से जुड़े लोग भी शामिल होते जा रहे। मंगलवार को वहां शिविर लगाकर दवाएं बांटी गईं, आयुष्मान योजना के कार्ड बनवाए गए, किसान सम्मान निधि के आवेदन मांगे गए। शाम को एसडीएम वहां पहुंचे और ग्रामीणों से बात की। कहा कि गांव के विकास के लिए वे सुझाव दें, उन पर अमल किया जाएगा।
सोमवार को विकास भवन की टीम ने वहां शिविर लगाकर समस्याएं सुनीं थीं। उसी वक्त शिकायत हुई कि कुछ किसानों को किसान सम्मान निधि नहीं मिली, कुछ के आयुष्मान योजना के कार्ड नहीं बने। जिसके बाद मंगलवार को वहां आयुष्मान योजना व किसान सम्मान निधि के आवेदन लेने के लिए शिविर लगाया गया। अरविंद कुमार की टीम ने ग्रामीणों को बताया कि किस तरह आयुष्मान योजना का लाभ मिल सकता है।
एक अर्से से इंतजार था, जो अब हुआ पूरा
पंचायत भवन में ही दूसरी ओर एडीओ कृषि ने किसान सम्मान योजना के लिए शिविर लगाया। वहां पहुंचे नन्हे लाल ने बताया कि उन्हें किसान सम्मान निधि नहीं मिल रही, जबकि गांव के कई अन्य लोगों के खाते में रुपये आ रहे हैं। उनकी समस्या को वहीं निस्तारित किया गया। आवेदन कराया गया। आश्वासन दिया गया कि पात्रता की जांच में सही पाए जाने पर उन्हें योजना का लाभ दिया जाना शुरू हो जाएगा। ओमकार ने भी यही शिकायत की तो उनका आवेदन भी तुरंत कराया गया।
सवा सौ मरीजों को घर के दरवाजे पर मिली दवा
गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। ग्रामीणों को बुलाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। सर्दी, जुकाम और बुखार की कई लोगों को शिकायत थी। परीक्षण के बाद उन्हें दवा दी गई। 18 लोगों को लंबे वक्त से बुखार आ रहा था। उनकी मलेरिया की जांच की गई। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप कुमार ने 12 मरीजों की आंखों का परीक्षण किया। टीम ने पांच बेहद कमजोर बच्चों की जांच की। आशंका व्यक्त की गई कि वे कुपोषित हो सकते हैं। इनकी रिपोर्ट आने के बाद इलाज शुरू होगा। टीम में डा. प्रीती निश्चल, डॉ. अरविंद गंगवार, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. खालिदा सिद्दीकी, फार्मासिस्ट अफताब हुसैन, रोहित, पुष्पा आदि मौजूद रहे।
दरवाजे पर सरकारी व्यवस्थाएं देख खुश हुए ग्रामीण
किसान सम्मान योजना के लिए आवेदन करना हो या शौचालय के लिए। सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाकर ग्रामीण परेशान हो चुके थे। जागरण की पहल पर गांवों की तस्वीर बदलने, वहां की ग्रामीणों की समस्या निराकरण और विकास कार्यों का दौर शुरू हुआ तो ग्रामीण खुश दिखे। भीषण ठंड होने के बावजूद टीमें वहां पूरे दिन डटी रहीं।
SDM ने कहा, गांव में कई काम होंगे : दोपहर तक समाधान दिवस में शामिल रहे एसडीएम सदर ईशान प्रताप सिंह शाम करीब चार बजे मझौआ गंगापुर गांव पहुंचे। ग्रामीणों से मुलाकात की। पेयजल, दवा, शिक्षा व्यवस्था के बारे में पूछा तो ग्रामीणों ने बताया कि हैंडपंप की जरूरत थी, जिसे लगवाने का वादा बीडीओ कर गए हैं। दवा वितरण के लिए कैंप लग चुका है। स्कूल में बच्चे रोजाना जाते हैं। एसडीएम ने बताया कि गांव में पुस्तकालय बनवाने के लिए बीडीओ को कह दिया है। जल्द ही इस पर काम शुरू होगा। उन्होंने गांव में सफाई व्यवस्था देखी। स्थिति ठीक मिलने पर संतोष जाहिर किया। ग्राम प्रधान राम निवास ने बताया कि गांव में साफ-सफाई नियमित होती है।
तीन दिन आएंगे तहसीलदार : एसडीएम ने ग्रामीणों से कहा कि यदि कोई और समस्या रह गई तो तहसीलदार यहां लगातार तीन दिन आकर निराकरण करेंगे। उन्होंने वहीं से तहसीलदार आशुतोष गुप्ता को फोन कर कहा कि ग्रामीणों के साथ रोजाना कुछ वक्त रहें।
बुखार था, यहीं मिल गई दवा : नत्थू बख्श को कई दिन से बुखार आ रहा। बुजुर्ग हैं इसलिए शहर तक नहीं जा पा रहे थे। मंगलवार को गांव में पंचायत भवन के सामने स्वास्थ्य विभाग का शिविर लगा तो परिवार के लोगों के सहारे वहां पहुंचे। जांचें हुईं, इसके बाद निश्शुल्क दवा दी गई। बोले कि यह बहुत बढिय़ा काम हुआ।
दर्द में अब मिल सकेगा आराम : बुजुर्ग गंगाराम के पैरों में कई दिन दर्द हो रहा। वह भी दवा लेने के लिए शिविर में पहुंचे। कहा कि बुजुर्ग हूं इसलिए सरकारी अस्पताल पहुंचना मुश्किल। पहुंच भी जाएं तो लंबी लाइन में लगकर दवा लेना मुश्किल भरा होता है। अब गांव में ही दवा मिल गई।
गांव में शिविर से मिली बड़ी राहत : नत्थो देवी के लिए भी कई दिन से बुखार आ रहा। सुबह शिविर लगने की जानकारी हुई तो पंचायत भवन पहुंचीं। बोलीं कि पास के एक डॉक्टर से दवा मंगवाई मगर बुखार फिर भी नहीं उतरा। अब जांचें हो गईं हैं। बुखार की वजह पता चल जाएगी तो सही से इलाज मिल सकेगा।
एलान होने के बाद खुश दिखे युवा : गांव में खेल का मैदान बनने का एलान होने के बाद से युवा खुश हैं। नरेश बोले कि पढ़ाई के लिए शहर चले जाते हैं मगर खेलने के लिए जगह नहीं है। अब यहां खेल का मैदान बन जाएगा तो युवाओं को बड़ी राहत मिल सकेगी।