यूपी के इस जिले से भी था गोल्डन बाबा का जुड़ाव

सुधीर कुमार कक्कड़ उर्फ गोल्डन बाबा का उत्तर प्रदेश के बरेली से भी खासा जुड़ाव था। उनका जुड़ाव यहां की आंवला तहसील से था। जहां वह दो साल महंत रहे थे।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 07:04 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 07:04 PM (IST)
यूपी के इस जिले से भी था गोल्डन बाबा का जुड़ाव
यूपी के इस जिले से भी था गोल्डन बाबा का जुड़ाव

बरेली, जेएनएन । सुधीर कुमार कक्कड़ उर्फ गोल्डन बाबा(Sudhir Kumar Makkad Alias Golden Baba) का उत्तर प्रदेश के बरेली से भी खासा जुड़ाव था। उनका जुड़ाव यहां की आंवला तहसील से था। जहां वह दो साल महंत रहे थे। अक्सर सोने के आभूषणों को लेकर चर्चा में रहने वाले गोल्डन बाबा पर यहां मढ़ी की जिम्मेदारी रही थी। यही वजह है कि उनका बरेली से खासा जुड़ाव रहा है।

तीन तीन महीने में मढ़ी पर आया करते थे बाबा

लंबी बीमारी के बाद सुधीर कुमार कक्कड़ उर्फ गोल्डन बाबा का इलाज के दौरान एम्स में निधन हो गया। बाबा काफी समय से कैंसर की समस्या से जूझ रहे थे। गोल्डन बाबा आंवला तहसील के भमोरा में स्थित खेड़ा मढ़ी पर दो साल महंत रहे थे। तब वह तीन-तीन महीने में यहां आया करते थे, इसके साथ ही व्यवस्थाएं देखकर चले जाते थे। पिछले साल उन्हें हटाकर नया महंत बना दिया गया। उसके बाद से उनका यहां आना नहीं हुआ। भमोरा में जूना अखाड़े की खेड़ा मढ़ी है। जिस पर अखाड़े की ओर से महंत नियुक्त किए जाते हैं। वर्ष 2016 से 2018 तक गोल्डन बाबा को इस खेड़ा की मढ़ी का महंत बनाया गया था।

पहली बार आए तो सीधे एसएसपी कार्यालय पहुंचे थे बाबा

जब वह पहली बार आए थे तो मढ़ी पर जाने के बजाय एसएसपी कार्यालय पहुंंचे थे। मांग की थी कि वह बड़ी संख्या में आभूषण पहनते हैं। ऐसे में गांव किनारे सुनसान में स्थित मढ़ी में रहने के दौरान सुरक्षा चाहिए होगी। जिसके बाद भमोरा थाने के चार सिपाही उनकी सुरक्षा में लगाए गए थे। तीन दिन रुकने के बाद वह चले गए थे। इसके बाद दो-महीने में आते और कुछ दिन रुककर लौट जाते थे। मढ़ी पर ही उन्होंने गरीब बेटियों की शादियां भी अपने खर्च पर कराईं थीं। जब भी वह यहां आते थे, सपा नेताओं से उनकी खासी नजदीकियां रहती थीं।  

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