बोझ समझी बेटी, दोस्त को देने के लिए खुद किया अपहरण

बरेली (जेएनएन)। गुरुवार की दे रात बच्ची के अपहरण का स्याह सच सामने आया है। वो भी बेहद झकझोरने

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Mar 2018 09:45 AM (IST) Updated:Sat, 24 Mar 2018 09:45 AM (IST)
बोझ समझी बेटी, दोस्त को देने के लिए खुद किया अपहरण
बोझ समझी बेटी, दोस्त को देने के लिए खुद किया अपहरण

बरेली (जेएनएन)। गुरुवार की दे रात बच्ची के अपहरण का स्याह सच सामने आया है। वो भी बेहद झकझोरने वाला। सवाल खड़े करने वाला, आखिर बेटियों को लेकर नजरिया कब बदेलगा..। दरअसल, बच्ची कहीं नहीं गई थी, कोई बाहरी नहीं ले गया था। खुद पिता ने ही उसके अपहरण का 'ड्रामा' रचा था। वो इसलिए क्योंकि घर में दो बेटियां थीं। उन्हें बोझ समझता था। एक से पल्ला झाड़ते हुए वह दोस्त को गोद देना चाहता था। वो भी उस मां को बिना बताए जिसने अपनी कोख में उसे तमाम मुश्किलें झेलकर नौ महीने तक पाला..।

दरअसल, बेटियों को बोझ समझकर उन्हें दूसरे के हवाले कर देने का यह सनसनीखेज मामला बानखाना का है। यहां के अफरोज ने गुरुवार की रात प्रेमनगर थाने में अपनी 11 माह की बच्ची इकरा नाज के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। सरेशाम घर से बच्ची के अपहरण की घटना से खलबली मचना ही थी। एसएसपी ने आनन-फानन पांच टीमें गठित कर दीं। रात करीब डेढ़ बजे पुलिस ने शाहदाना साहब की मजार से बच्ची को बरामद कर लिया। पुलिस यह पता लगाने में जुट गई कि बच्ची का अपहरण किसने किया था। छानबीन में पुलिस को बच्ची के पिता अफरोज पर कुछ शक हुआ।

अफरोज के शर्मनाक बयान से पुलिस भी सन्न

अफरोज शुरुआत में पूछताछ से बयान बदलता रहा। सख्ती की तो टूट गया लेकिन, जो शर्मनाक सच उसने बताया उसे सुनकर पुलिस भी सन्न रह गई। अफरोज बोला-दो लड़कियां हैं। वह मीट की दुकान में काम करता है। बमुश्किल 200 रुपये प्रतिदिन कमा पाता है। दोनों बेटियों के पालन-पोषण में उसे दिक्कत आ रही थी। उसकी चाहबाई गुद्दड़ बाग निवासी सरफराज उर्फ सिंटू से जान पहचान थी। सिंटू के कोई औलाद नहीं थी। कई बार सिंटू व उसकी पत्‍‌नी नसीम बानो उर्फ गुड़िया अफरोज से बच्चा गोद दिलाने के लिए भी कह चुके थे। सिंटू जरी का काम करता है। अफरोज ने अपनी बेटी उसको गोद देने की बात तय कर ली। गुरुवार को अफरोज शाम को चुपके से अपनी बच्ची को उठाकर ले गया और सिंटू व उसकी पत्‍‌नी गुड़िया को दे आया।

मचल उठी मां की ममता

अफरोज भले तर्क दे कि वह गरीब है, इसलिए बेटी नहीं पाल पा रहा था लेकिन मां की ममता मचल उठी। जब बच्ची घर पर नहीं मिली तो मीना ने यूपी-100 पर फोन कर दिया। मामला बढ़ने पर अफरोज घबरा गया लेकिन, पत्नी मीना को सच नहीं बोल पाया। उल्टा वह पुलिस के साथ बच्ची को ढूंढवाने का नाटक करता रहा।

गोद लेने वाला भी गिरफ्तार

एसएसपी जोगेंद्र कुमार का कहना है, बच्ची के अपहरण की बात सरफराज उर्फ सिंटू को भी पता थी। उसने भी पुलिस को नहीं बताया। पुलिस का शिकंजा कसता देख अफरोज दोस्त सिंटू से बच्ची को लेकर शाहदाना साहब की मजार पर छोड़ आया। इस दौरान उसका दोस्त इकराम बाइक चला रहा था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। मजार पर छोड़ने में इकबाल ने भी मदद की थी।

बेटी को देख सीने से लगा लिया मां ने

बच्ची के गायब होने के बाद से ही मां मीना का बुरा हाल था। रात करीब दो बजे बच्ची इकरा शाहदाना साहब की मजार से बरामद हुई। पुलिस जब बच्ची को लेकर उसके घर गई तो मां मीना ने देखते ही सीने से लगा लिया। चू्मने लगी। फटाफट उसे दूध पिलाया। उसे तब तक यह नहीं पता था कि बेटी का अपहरण करने वाला कोई और नहीं उसका पति है।

नौ महीने कोख में पाला, ऐसे नहीं दे दूंगी

अफरोज ने बच्ची को गोद देने की बात एक-दो बार पत्‍‌नी मीना से भी कही थी। मीना इस पर भड़क गई। मीना ने अफरोज से कहा था कि नौ महीने तक बेटी को कोख में पाला है। ऐसे ही नहीं किसी को दे दूंगी।

एक लाख रुपये में किया था सौदा

अफरोज ने बच्ची देने के बदले में सिंटू से एक लाख रुपये मांगे थे। सिंटू ने अफरोज से कहा था कि अगर बच्चे के मिलने में कुछ खर्चा होगा तो वो वह भी करने को तैयार है। वह कोई भी रकम देने को तैयार था।

पिता पर हुआ था शक

एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने बताया कि बच्ची को रात में ही बरामद कर लिया गया था। छानबीन में पिता पर शक हुआ। दरगाह पर भी उसका हुलिया मैच हुआ।

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