गंगा की लहरों ने डराया, डूब क्षेत्र में न जाने की हिदायत

जेएनएन बदायूं पहाड़ों पर हो रही भारी बरसात का असर मैदानी इलाके पर भी पड़ रहा ह

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 01:57 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 01:57 AM (IST)
गंगा की लहरों ने डराया, डूब क्षेत्र में न जाने की हिदायत
गंगा की लहरों ने डराया, डूब क्षेत्र में न जाने की हिदायत

जेएनएन, बदायूं : पहाड़ों पर हो रही भारी बरसात का असर मैदानी इलाके पर भी पड़ रहा है। गंगा नदी में एक बार फिर उफान पर है। अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने से तीन दिन तक तटवर्ती गांवों में निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। गंगा किनारे रहने वाले ग्रामीणों को भी हिदायत दी गई है कि डूब क्षेत्र में न जाएं।

गंगा में मंगलवार से ही पानी बढ़ने लगा है। हरिद्वार बैराज से गंगा में छोड़ा गया तीन लाख क्यूसेक से अधिक पानी के दबाव से जहां नदी का बहाव तेज हो गया वहीं जलस्तर ऊपर चढ़ने लगा है। कछला गंगा घाट पर पानी खतरे के निशान को छूने लगा है। हालात बता रहे हैं कि रात में पानी और बढ़ सकता है। आसपास के गांवों के लोगों को अलर्ट कर दिया गया है। गंगा घाट पर लगी दुकानों तक पानी पहुंच गया है। उप जिलाधिकारी सदर लाल बहादुर ने राजस्व विभाग की टीम के साथ तटवर्ती गांवों का जायजा लिया। हुसैनपुर, चंदनपुर के ग्रामीणों को सतर्क किया कि बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। डूब क्षेत्र में न जाएं। अपर जिलाधिकारी वित्त नरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि नदी में पानी बढ़ा है, राजस्व विभाग और बाढ़ खंड के अधिकारियों को निगरानी के लिए लगाया गया है। तटवर्ती गांवों के लोगों को सतर्क कर दिया गया है। फिलहाल, अभी कहीं कोई खतरे की बात नहीं है। आज और बढ़ सकता है जलस्तर, ग्रामीणों में खलबली

संस, सहसवान : गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांवों के ग्रामीण बाढ़ की आशंका को लेकर बेचैन हैं। बाढ़ खंड और प्रशासन बाढ़ को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं। गुरुवार को हरिद्वार और बिजनौर से छोड़ा जाने वाला पानी यहां पहुंच जाएगा। इसके बाद गंगा का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है। मंगलवार को नरौरा बैराज का डिस्चार्ज मात्र 33 हजार क्यूसेक था जो बुधवार को बढ़ कर 99 हजार 579 क्यूसेक हो गया। इससे गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा और कछला में मीटर गेज बढ़कर 162.05 मीटर पर पहुंच गया। जलभराव से उफान लेती गंगा की लहरें दायरे को लांघती हुई फैलाव लेने लगी हैं। बुधवार को बिजनौर से गंगा में दो लाख 70 हजार 747 और हरिद्वार से दो लाख एक हजार 508 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जो गुरुवार को यहां पहुंच जाएगा। इसके बाद गंगा के जलस्तर में और बढ़ोतरी होगी और बाढ़ के हालात बन जाएंगे। हालांकि यदि पहाड़ों पर और बारिश नहीं होती है तो एक दो दिन में जल स्तर गिर जाएगा। तहसील प्रशासन और बाढ़ खंड के कर्मचारी बाढ़ की आशंका को लेकर सतर्क हैं और हालातों पर निगाह रखे हुए हैं। गांवों में घूमे एसडीएम-तहसीलदार, किया सतर्क

संस, सहसवान : गंगा में आने वाली बाढ़़ को देखते हुए एसडीएम महीपाल सिंह ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। ग्रामीणों को दो तीन दिन तक डूब क्षेत्र में न जाने की चेतावनी दी। एसडीएम ने ग्रामीणों से कहा कि वह दो तीन दिन तक गंगा के डूब क्षेत्र में स्थित खेतों आदि पर न जाएं, क्योंकि गंगा का जलस्तर अचानक बढ़ सकता है। अपने पशुओं और अन्य जरूरी सामान को सुरक्षित स्थानों पर रखें। एसडीएम ने बताया कि बाढ़ के मद्देनजर सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। संबंधित कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि क्षेत्र में कैंप कर हालातों पर निगाह रखें ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में ग्रामीणों को तत्काल राहत मुहैया कराई जा सके। तहीलदार शिवओम शर्मा भी मौजूद रहे।

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