सैंपलिंग में फिर खेल, 15 दिन में 4488 नमूनों का फिर निकला अंतर

जिले में हो रही सैंपलिंग में आंकड़ों की बाजीगरी जारी है। सितंबर माह में करीब 9580 नमूनों का अंतर सामने आया था जिसे कोविड कार्य में लगे एक तहसील स्तरीय अधिकारी ने पकड़ा था। तब इस पर सवाल-जवाब किए गए। अब अक्टूबर माह का नया डेटा सामने आया।

By Edited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 03:17 AM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 01:51 PM (IST)
सैंपलिंग में फिर खेल, 15 दिन में 4488 नमूनों का फिर निकला अंतर
जिले में हो रही सैंपलिंग में आंकड़ों की बाजीगरी जारी है।

बरेली, जेएनएन। जिले में हो रही सैंपलिंग में आंकड़ों की बाजीगरी जारी है। सितंबर माह में करीब 9580 नमूनों का अंतर सामने आया था, जिसे कोविड कार्य में लगे एक तहसील स्तरीय अधिकारी ने पकड़ा था। तब इस पर सवाल-जवाब किए गए। अब अक्टूबर माह का नया डेटा सामने आया। इसमें भी शासन के सामने अच्छी छवि बनाने के लिए प्रतिदिन तीन हजार सैंपलिंग का लक्ष्य पूरा दिखाया जा रहा है। इसके लिए शासन को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में नंबर बढ़ाए जा रहे हैं।

एक से 15 अक्टूबर तक के पोर्टल डेटा मिलान में अब 4488 सैंपल का अंतर सामने आया है। सैंपलिंग बढ़ाने के पीछे शासन की स्पष्ट मंशा थी कि जितने ज्यादा लोगों की जांच होगी, उतने संक्रमित या संदिग्ध सामने आएंगे। उनके क्रमश: स्वस्थ होते जाने पर जिले में कोरोना का प्रभाव कम होता जाएगा। इसके लिए सैंपलिंग का लक्ष्य तय किया गया था, पर शासन की इस मंशा पर जिले में पानी फेरा जा रहा है। सितंबर माह में जिले के ही एक अधिकारी ने सैंपलिंग के कार्य की बारीकी से जांच की।

इसमें पाया कि शासन को जो रिपोर्ट भेजी जा रही है, पोर्टल पर चढ़ने के दौरान उसकी हकीकत कुछ और ही होती है। सितंबर माह में दस-दस दिन करके तीन बार इसकी समीक्षा हुई थी। जिसमें पहली बार में कुल चार हजार, दूसरी बार में कुल सात हजार और तीसरी बार में 9580 सैंपल पोर्टल पर कम चढ़े पाए गए थे। इस पर सवाल जवाब हुए और मामले की जांच कराने की बात कहकर सब शांत हो गए। अब अक्टूबर माह में एक बार फिर इसकी समीक्षा हुई तो 15 दिनों में 4488 सैंपल का अंतर निकल कर सामने आया।

अब इस पर कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। गलत रिपोर्टिंग में शहरी क्षेत्र आगे आंकड़ों के इस खेल में शहरी क्षेत्र आगे हैं। डेटा देखने पर पता चला कि शासन को 12,566 सैंपल की रिपोर्ट दी गई, जबकि पोर्टल पर कुल 11,156 ही अपडेट किए गए। ग्रामीण क्षेत्रों में नवाबगंज अव्वल ग्रामीण क्षेत्रों में भी गलत रिपोर्टिंग का खेल किया जा रहा है। 3078 सैंपल की गलत रिपेार्ट ग्रामीण क्षेत्रों से ही हुई। इनमें भी नवाबगंज से अकेले 1103 सैंपल का फर्क सामने आया है। इसके बाद रिछा 672 और शेरगढ़ से 585 सैंपल की बढ़ती रिपोर्ट आई है।

शासन को भेजी जा रही रिपोर्ट और पोर्टल पर अपडेट डेटा में फर्क सामने आया है। इसमें कहां चूक हुई, इस बारे में आइडीएसपी इंचार्ज से जानकारी की जा रही है। शासन को गलत रिपोर्टिंग नहीं की जा रही है। - डा. रंजन गौतम, जिला सर्विलांस अधिकारी कोविड-19

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