पीलीभीत में चूहों से होने वाली बीमारी लैपटोस्पाइरासिश के चार मरीज मिले, जानें क्या हैं बीमारी के लक्षण और बचाव
Patients of Leptospirosis Disease found in Pilibhit वायरल बुखार और डेंगू के प्रकोप के बीच लैपटोस्पाइरासिश के भी चार मरीज मिले हैं। इससे पहले स्क्रब टाइफस के दो मरीज मिल चुके हैं। ये दोनों बीमारियां चूहों से इंसानों में पहुंच रही हैं।
बरेली, जेएनएन। Patients of Leptospirosis Disease found in Pilibhit : वायरल बुखार और डेंगू के प्रकोप के बीच लैपटोस्पाइरासिश के भी चार मरीज मिले हैं। इससे पहले स्क्रब टाइफस के दो मरीज मिल चुके हैं। ये दोनों बीमारियां चूहों से इंसानों में पहुंच रही हैं। जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही रोजाना लक्षणों वाले मरीजों के सैंपल एलाइजा जांच के लिए लखनऊ के मेडिकल कालेज में भेजे जा रहे हैं। गत दिवस यहां से दर्जन भर से अधिक बुखार पीड़ितों के सैंपल डेंगू की पुष्टि के लिए जांच को भेजे गए थे। उनमें से किसी को डेंगू तो नहीं निकला लेकिन चार मरीजों में लैपटोस्पाइराजिश बीमारी की पुष्टि हुई हैं। ये चारों मरीज ग्रामीण क्षेत्र के हैं, जिला अस्पताल में इनका उपचार चल रहा है।
सहायक जिला मलेरिया अधिकारी राजीव कुमार मौर्य के अनुसार यह बीमारी चूहे और छछुंदर से इंसानों में आती है। चूहे या छछुंदर किसी खाद्य पदार्थ पर पेशाब कर दें, बाद में उस वस्तु को अच्छी तरह से धोए और साफ किए बगैर सेवन कर लिया जाए तो लैपटोस्पाइराजिश के वैक्टीरिया उसके अंदर पहुंच जाते हैं। इस बीमारी से पीड़ित मरीज को भी तेज बुखार आता है। उपचार में बुखार के साथ ही एंटीबायोटिक दवाइयां देने पर मरीज ठीक हो जाते हैं। कोई बहुत ज्यादा गंभीर बीमारी ये नहीं है। इसी तरह से पूर्व में दो मरीजों में स्क्रब टाइफस बीमारी की पुष्टि हुई थी। इलाज के बाद वे दोनों मरीज अब स्वस्थ हैं। स्क्ब टाइफस बीमारी भी चूहों से फैलती है। इसके वैक्टीरियां चूहों के बालों से झड़कर गिरते हैं। इंसान जब इस वैक्टीरिया के संपर्क में आता है, तभी बीमारी से पीड़ित हो जाता है। उन्होंने बताया कि जिले में डेंगू आशंकित बीस मरीज और मिले हैं, इन सभी के सैंपल एलाइजा जांच के लिए लखनऊ मेडिकल कालेज में भिजवाए जा रहे हैं।