बरेली में ठेला पलटने से किला नदी में गिरे चार मासूम, एक लापता
किला छावनी में शनिवार को नदी किनारे खड़ा ठेला पलटने से उसके ऊपर खेल रहे चार मासूम गिरे नदी में गिर पड़े। तीन मासूमों को बचा लिया गया लेकिन एक लापता है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और सुभाषनगर के गोताखोरों ने कई घंटे सर्च आपरेशन चलाया लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग सका। एसडीआरएफ टीम व गोताखोर घटनास्थल पर डेरा डाले हुए हैं।
जागरण संवाददाता, बरेली: किला छावनी में शनिवार को नदी किनारे खड़ा ठेला पलटने से उसके ऊपर खेल रहे चार मासूम गिरे नदी में गिर पड़े। तीन मासूमों को बचा लिया गया, लेकिन एक लापता है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और सुभाषनगर के गोताखोरों ने कई घंटे सर्च आपरेशन चलाया, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग सका। एसडीआरएफ टीम व गोताखोर घटनास्थल पर डेरा डाले हुए हैं।
किला छावनी के मुहल्ला हीराबाग में किला नदी के किनारे पेड़ के पास ठेला खड़ा था। इसी गली के रहने वाले मासूम मो. शाहिद, सोनम, अब्दुल रहमान व करामत की बेकरी के पास रहने वाला ताबिज दोपहर करीब साढ़े 12 बजे उसके ऊपर चढ़कर खेल रहे थे। अचानक ठेला पलटने से चारों मासूम नदी में गिर गए। मासूम को नदी में गिरता देख अब्दुल रहमान की बहन हीना तेजी से चिल्लाई। हीना का भाई इस्लाम उनको बचाने नदी में कूद पड़ा। मो. शाहिद, सोनम व अब्दुल रहमान को तो 10 मिनट के भीतर निकाल लिया गया, लेकिन ताबिज का पता न चल सका। पुलिस ने एसडीआरएफ की टीम को बुलाया। सुभाषनगर से गोताखोर बुलाए गए। घंटो सर्च आपरेशन चला, लेकिन ताबिज का सुराग नहीं लग सका। घटना से मुहल्ले में अफरा-तफरी फैली रही। लापता ताबिज की सलामती के लिए लोग दुआ करते रहे।
बाजे की आवाज सुन वहां पहुंचा था ताबिज
मो. शाहिद व सोनम अनवर के बच्चे हैं। शाहिद चार साल व सोनम पांच साल की है। अब्दुल रहमान हनीफ का बेटा है। अब्दुल रहमान की उम्र छह साल है। अनवर व हनीफ मांझे का काम करते हैं। एक ही गली हीराबाग के रहने वाले हैं। बगल की गली करामत बेकरी के पास रहने वाला ताबिज शब्बू का बेटा है। ताबिज की उम्र सात साल है। शब्बू बताते हैं कि ताबिज घर में ही खेलता था। कभी भी दूसरी गली में नहीं जाता। शनिवार को बगल के हीराबाग में शादी थी। बाजे की आवाज सुनकर वह वहां चला गया। ताबिज चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर का है। वह केजी का छात्र है। उसके लापता होने से मां मेहरूनिशा, स्वजन व पड़ोसियों का बुरा हाल है।
इस्लाम बने हीरो, बचाई तीन जिदगियां
मासूम मो. शाहिद, सोनम व अब्दुल रहमान के लिए इस्लाम देवदूत बनकर आए। वह मांझे का काम करते हैं। घटना के वक्त वह घर पर ही थे। बहन की चीख व मासूमों की जान संकट में देख इस्लाम नदी में कूद पड़ा। एक-एक कर मो. शाहिद, सोमन व अब्दुल रहमान की जिदगी बचा ली। इस्लाम के साहस को देख मुहल्ले के रहमान व इमरान भी नदी में उतरे। ताबिज की तलाश शुरू की। घंटो नदी में सर्च किया लेकिन, ताबिज के बारे में कोई जानकारी न हो सकी। सीओ द्वितीय आशीष कुमार सिंह ने एसडीआरएफ टीम व सुभाषनगर से गोताखोरों को बुलाया। पूरा आपरेशन सीओ के नेतृत्व में चला। नदी किनारे बिखरा कूड़ा आपरेशन में बाधक भी बना।