बरेली में ‘संक्रमित मां की मौत के चार दिन बाद फाेन आने से बेटा हुआ हैरान, बता रहे मां की हालत नाजुक

कोविड अस्पतालों में मरीजों के इलाज में ज्यादा रुपये वसूलने आनलाइन ठगी होने के मामले तो सामने आ ही रहे हैं। वहीं डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाए गए मेडिकल कालेजों में कुछ ऐसे लापरवाही के केस भी सामने आ रहे हैं जिन्होंने तीमारदारों को अंदर तक झकझोर कर रख दिया।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 09:57 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 09:57 AM (IST)
बरेली में ‘संक्रमित मां की मौत के चार दिन बाद फाेन आने से बेटा हुआ हैरान, बता रहे मां की हालत नाजुक
बरेली में ‘संक्रमित मां की मौत के चार दिन बाद फाेन आने से बेटा हुआ हैरान

बरेली जेएनएन। कोविड अस्पतालों में मरीजों के इलाज में ज्यादा रुपये वसूलने, आनलाइन ठगी होने के मामले तो सामने आ ही रहे हैं। वहीं, डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाए गए मेडिकल कालेजों में कुछ ऐसे लापरवाही के केस भी सामने आ रहे हैं, जिन्होंने तीमारदारों को अंदर तक झकझोर कर रख दिया।

हालिया सामने आया मामला राजश्री मेडिकल कालेज का है। यहां करीब दस दिन पहले एक महिला संक्रमित की मौत के बाद बेटों ने अंत्येष्टि कर दी। इसके बाद मां की हालत नाजुक होने का फोन मेडिकल कालेज से आ चुका है बच्चे भी मां जिंदा हैं... ये आस लेकर आए दिन मेडिकल कालेज  पहुंचते हैं। लेकिन इसके बाद न मां से बात कराई और न वो स्टाफ मिलता है, जो संक्रमित मां से वीडियो कालिंग कराने का आश्वासन देता है। बाद में हकीकत पता चलती है।

22 को कराया था भर्ती, 24 को मिला था शव 

फरीदपुर के बुधौली निवासी अतुल सिंह की मां किरन (55) डायबिटिक पेशेंट थीं। अतुल के दामाद ओमकार सिंह बताते हैं कि निजी अस्पताल में उपचार से पूर्व जांच हुई तो मरीज कोविड संक्रमित निकलीं। इसके बाद 22 अप्रैल को राजश्री मेडिकल कालेज के कोविड आइसीयू में भर्ती कराया। 24 को संक्रमित मरीज की मौत हो गई। इसके बाद पीपीई किट में पैक शव मिला।स्टाफ ने कहा कि शव खोलना नहीं, कोविड प्रोटोकाल के तहत स्वजन ने 24 अप्रैल की शाम को ही अंतिम संस्कार भी कर दिया।

28 अप्रैल को फोन आया आपकी माता सीरियस हैं 

स्वजन के पास 28 अप्रैल को फोन आया। कॉल करने वाले ने कहा मां सीरियस हैं। ये सुनकर घर वाले चौंक गए। कहा कि मां से बात कराओ तो जवाब मिला कि ऑक्सीजन पर हैं, आपकी बात नहीं करा सकते। इसके बाद मेडिकल कालेज पहुंचे लेकिन उन्हें हालात सीरियस बताकर टाल दिया गया। इसके बाद एक मई को फिर फोन कर वीडियो काल का आश्वासन दिलाया। स्वजन फिर अस्पताल पहुंचे और खराब हालात बताकर फिर बाद में मिलवाने की बात कोविड वार्ड के बाहर मिले स्टाफ ने कही। बुधवार सुबह स्वजन अस्पताल पहुंचे और मरीज की सारी जानकारी के साथ डेटा लिया। पता चला कि 24 को ही मौत के बाद डेथ सर्टिफिकेट दे दिया था।

 100-200 के लालच में स्टाफ करता है फोन

अस्पताल के लैंडलाइन नंबर से फोन आया, यह तो तय था। लेकिन फोन कर कौन रहा, यह पता नहीं चल सका। हालांकि स्टाफ के सीनियर अधिकारी भी दबी जुबान से मान रहे हैं कि हो सकता है कि 100-200 रुपये के लालच में स्टाफ ने भर्ती मानकर पुरानी लिस्ट से फोन कर दिया हो।

 संक्रमित की मौत के बाद मरीज भर्ती होने से ही मना कर दिया था

वहीं, एक अन्य मामले में रोहिलखंड मेडिकल कालेज में भर्ती रहे कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के मामले में भी जमकर हंगामा हुआ था। इस मामले में लंबे समय से अस्पताल में उपचार करा रहे कोरोना संक्रमित की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने इस नाम का कोई मरीज भर्ती होने से ही मना कर दिया। बाद में शव मोर्चरी में मिला था। मामले में तीमारदारों और स्टाफ के बीच मारपीट भी हुई थी। सूचना पर बारादरी थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची थी।

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