बरेली को स्मार्ट बनने का इंतजार, कागजों से निकलकर धरातल पर आई सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट योजना

फरीदपुर के गांव सथरापुर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाने के लिए पांच कंपनियों ने इच्छा जताई है। बीते दिनों खुले टेंडरों के बाद पांचों कंपनियों की टेक्निकल बिड का परीक्षण शुरू हो गया है। बेहतर प्रस्ताव देने वाली कंपनी को चुनने के बाद फाइनेंशियल बिड खोली जाएगी।

By Sant ShuklaEdited By: Publish:Mon, 11 Jan 2021 03:42 PM (IST) Updated:Mon, 11 Jan 2021 05:54 PM (IST)
बरेली को स्मार्ट बनने का इंतजार, कागजों से निकलकर धरातल पर आई सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट योजना
कम दर वाली कंपनी के साथ नगर निगम अनुबंध करेगा।

बरेली, जेएनएन। बरेली शहर को शायद अब सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट मिल जाएगा। हालांकि अभी तक सिर्फ ये कवायद कागजों तक ही सीमित रही है। यही वजह है कि शहर का कूड़ा डंप तो हो रहा है लेकिन इसके निस्तारण के लिए नगर निगम अब तक कोई प्रावधान नहीं कर सका है।अब जबकि शासन की तरफ से 19 करोड़ रुपये प्लांट के लिए मिल गए हैं। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही कूड़े के निस्तारण के लिए प्लांट शुरु हो जाएगा। अभी तक प्लांट को लगाने में सबसे बड़ी बाधा पैसे का न होना था। प्लांट लगाने के लिए नगर निगम को करीब चालीस करोड़ की राशि चाहिए। इतनी राशि को वहन करने में नगर निगम समर्थ नहीं था। यही वजह थी कि शासन से नगर निगम ने पैसे की मांग की थी। शासन ने प्रस्ताव को मंजूरी देकर 19 करोड़ रुपये नगर निगम को प्लांट के लिए दे भी दिए हैं।

पांच कंपनियों ने जताई इच्छा

वहीं फरीदपुर के गांव सथरापुर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाने के लिए पांच कंपनियों ने इच्छा जताई है। बीते दिनों खुले टेंडरों के बाद पांचों कंपनियों की टेक्निकल बिड का परीक्षण शुरू हो गया है। बेहतर प्रस्ताव देने वाली कंपनी को चुनने के बाद फाइनेंशियल बिड खोली जाएगी। कम दर वाली कंपनी के साथ नगर निगम अनुबंध करेगा।

शहर में रोजाना करीब पांच सौ टन कूड़ा निकल रहा है, लेकिन इसका निस्तारण नहीं हो पा रहा है। इस कारण सारा कूड़ा बाकरगंज खड्ड में ही फेंका जा रहा है। वर्ष 2013 में रजऊ परसपुर में कूड़ा निस्तारण के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाया गया था। शुरुआत में कुछ दिन प्लांट में कूड़ा निस्तारित हुआ। कूड़े से खाद भी बनाई गई, लेकिन विवादों में फंसने के कारण प्लांट नहीं चल सका। दो साल पहले फरीदपुर के गांव बहगुलपुर में प्लांट लगाने की तैयारी की गई। वहां भी जमीन को लेकर विवाद हो गया। 

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