Fisheries in Ganga : अब गंगा में होगा मछली पालन, पहली बार दिया जाएगा पट्टा, जानिए काैन कर सकेगा मछली पालन
Fisheries in Ganga पतित पावनी गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाए रखने के अभियान के साथ इसमें मछली पालन भी किया जाएगा। गंगा नदी में बालू खनन के पट्टे तो होते रहे हैं अब मछली पालन के लिए भी पट्टा आवंटित किया जाएगा।
बरेली, कमलेश शर्मा। Fisheries in Ganga : पतित पावनी गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाए रखने के अभियान के साथ इसमें मछली पालन भी किया जाएगा। गंगा नदी में बालू खनन के पट्टे तो होते रहे हैं, अब मछली पालन के लिए भी पट्टा आवंटित किया जाएगा। जिले में 37 किमी गंगा नदी का पट्टा आवंटित किए जाने की तैयारी की जा रही है। किसी ने नदियों में मत्स्य आखेट के लिए हाईकोर्ट में रिट दायर की थी। हाईकोर्ट के आदेश पर अब नदियों में मछली पालन के पट्टे देने की शुरूआत हुई है। जिले में गंगा नदी का पट्टा आवंटित कराने की तैयारी की जा रही है।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए खेती के साथ पशुपालन और मछली पालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। खेत में तालाब खोदवाने के लिए किसानों को मनरेगा से भी मदद दिलाई जा रही है। मत्स्य विभाग की ओर से अनुदान पर मछली के बीज भी दिए जा रहे हैं। जिले में करीब 95 किमी क्षेत्र से होकर गंगा प्रभावित होती हैं। गंगा में मछली का शिकार तो स्थानीय लोग करते रहते हैं, लेकिन पहली बार वैधानिक रूप से मछली पालन की शुरूआत कराई जा रही है।
जिला प्रशासन ने कछला क्षेत्र में 37 किमी एरिया में मछली पालन का पट्टा आवंटित कराने की कार्ययोजना बना ली है। अब इसके क्रियान्वयन की तैयारी की जा रही है। ग्राम पंचायत में जिस तरह तालाबों का मछली पालन के लिए पट्टा आवंटित किया जाता है, ठीक उसी तरह तहसील स्तर पर गंगा में मछली पालन का भी आवंटन किया जाएगा। शर्त यह होगी कि वही समितियां पट्टे की नीलामी में हिस्सा ले सकेंगी जो मत्स्य विभाग में पंजीकृत हैं। पट्टा की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, इसी महीने नीलामी की तारीख तय होने की उम्मीद है।
शासन के आदेश पर गंगा नदी में मछली पालन के लिए पट्टा आवंटित किया जाना है। इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मत्स्य विभाग में पंजीकृत समितियां ही पट्टा की नीलामी में भाग ले सकेंगी। जल्द ही आवंटन की तारीख तय की जाएगी।- शाह हसन जैदी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य