मस्जिद में नमाज पढ़ने से मना करने पर सज्जादानशीन समेत चार पर मुकदमा
रिटायर्ड जज मुश्ताक ने जिला कोर्ट में शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया कि मस्जिद के इमाम ने अन्य मसलक के लोगों को आने से मना कर दिया। इस पर कोर्ट ने चार लोगों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
जेएनएन, बरेली। मस्जिद में नमाज पढ़ने से मना करने के मामले में जिला कोर्ट के आदेश पर सज्जादा नशीन जरताब रजा खां समेत चार लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया। आरोप है कि मस्जिद के इमाम ने एक रिटायर्ड जज को यह कहते हुए नमाज पढ़ने से मना कर दिया कि हम लोग बरेलवी मसलक को मानने वाले हैं, इसलिए यहां पर अन्य मसलक यानी देवबंदी नमाज नहीं पढ़ सकते हैं। साथ ही मस्जिद में आने से साफ मना कर दिया गया।
मामला पीलीभीत जिले का है। कोतवाली थाना क्षेत्र के मुहल्ला छोटा खुदागंज निवासी रिटायर्ड जज मुश्ताक अहमद ने कोर्ट में दिए शिकायती पत्र में कहा है कि 6 अगस्त 2017 को वह शहर की जामा मस्जिद में मगरिब की नमाज पढ़ने के लिए गए थे। नमाज पढ़कर लौट रहे थे तभी मस्जिद के गेट पर कुछ लड़कों ने उन्हें रोक लिया और नमाज पढ़ने पर एतराज जताया। साथ ही मस्जिद के सदर इमाम के पास चलने को कहा। आरोप है कि इमाम ने भी उन्हें मस्जिद में नमाज पढ़ने से मना कर दिया। जब उन्होंने इसका कारण पूछा तो इमाम ने बताया कि हम लोग बरेलवी मसलक को मानने वाले हैं, इसलिए यहां पर अन्य मसलक के लोग नमाज नहीं पढ़ सकते हैं। साथ ही मस्जिद में नमाज पढ़ने आने से साफ मना कर दिया गया। उन्होंने पुलिस से इस मामले की शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने जिला कोर्ट में मामले की शिकायत की। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आस्ताने हशमतिया के सज्जादा नशीन मौलाना जरताब रजा खां व शाही जामा मस्जिद के इमाम मौलाना इजहार अहमद खां बरकाती समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। कोतवाल किरणपाल सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जाच की जा रही है।