अफवाहों पर ध्यान न दें, कोरोना संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन लगवाएं, जानें उनके अनुभव जो लगवा चुके हैं वैक्सीन
कोरोना वायरल तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है। वहीं दूसरी ओर वैक्सीन लगवाने वाले भी कोविड-19 वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए तेजी से आगे आ रहे हैं। हालांकि पिछले दिनों वैक्सीन लगवाने के बावजूद कुछ वीआइपी और आम लोग संक्रमित हुए।
बरेली, जेएनएन। कोरोना वायरल तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है। वहीं दूसरी ओर वैक्सीन लगवाने वाले भी कोविड-19 वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए तेजी से आगे आ रहे हैं। हालांकि पिछले दिनों देश भर में वैक्सीन लगवाने के बावजूद कुछ वीआइपी और आम लोग संक्रमित हुए। इस पर इंटरनेट मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म हो गया। इसमें बताया गया कि वैक्सीन का उपयोग करने के बावजूद संक्रमण से बचा नहीं जा सकता। दैनिक जागरण ने वैक्सीनेशन के बावजूद जिले में संक्रमित हुए लोगों का अनुभव जाना ताकि आम लोग अफवाह से बचें।
फरवरी तक लग गई थी दोनों डोज
जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में सिस्टर इंचार्ज डेजी लाल ने जनवरी में वैक्सीन लांच होने के कुछ दिन बाद वैक्सीन लगवाई थी। जनवरी में कोविशील्ड की पहली खुराक और फरवरी में दूसरी डोज लगी थी। वैक्सीन लगने के बाद वह तत्काल अपनी ड्यूटी में जुट गई थीं। वहीं, उनके पति रिटायर्ड पुलिसकर्मी ने भी वैक्सीन की एक डोज लगवा ली थी। 10 अप्रैल को दोनों कोविड पॉजिटिव आए।
संक्रमित तो हुए लेकिन हालत नाजुक नहीं हुई
डेजीलाल बताती हैं कि एक तरफ कोरोना संक्रमण के हालिया केस सीवियर कैटेगरी के हैं। लेकिन उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं हुई। संभव है कि वैक्सीनेशन की वजह से ही संक्रमण की सीवियरटी कम हो गई हो। यही नहीं पति की हालत भी कोरोना संक्रमित होने के बावजूद ज्यादा खराब नहीं हुई।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ.डीएन सिंह ने बताया कि वैक्सीन लगने के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने में समय लगता है। इसकी जानकारी टीकाकरण के साथ पहले ही दी गई थी। कई शोध में यह भी पता चला है कि वैक्सीनेशन करने के एक समय बाद से रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होनी शुरू हो जाती है। जिससे भले ही लोग संक्रमण की चपेट में आने से पूरी तरह न बचें, लेकिन संक्रमण का असर काफी हद तक कम जरूर हो जाता है।