Fight Against Coronavirus : कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए बरेली के शीशगढ़ और आंवला सीएचसी बने कोविड अस्पताल, ऑक्सीजन प्लांट भी बनना शुरू

Fight Against Coronavirus जिले में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सभी 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को कोविड हास्पिटल बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। शीशगढ़ और आंवला सीएचसी में संसाधन उपलब्ध कराकर कोविड अस्पताल शुरू कर दिया गया है।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 08:45 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 08:45 AM (IST)
Fight Against Coronavirus : कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए बरेली के शीशगढ़ और आंवला सीएचसी बने कोविड अस्पताल, ऑक्सीजन प्लांट भी बनना शुरू
पांच-पांच आक्सीजन कंसंट्रेटर कराए गए उपलब्ध, तीस-तीस बेड का बनाया अस्पताल।

बरेली, जेएनएन। Fight Against Coronavirus : जिले में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सभी 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को कोविड हास्पिटल बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। शीशगढ़ और आंवला सीएचसी में संसाधन उपलब्ध कराकर कोविड अस्पताल शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही अन्य सीएचसी पर आक्सीजन कंसंट्रेटर लगाने के लिए तैयारी चल रही है। वही, तीन सौ बेड के अस्पताल में एक आक्सीजन प्लांट का काम शुरू हो गया है।

कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने शासन से सभी सीएचसी को कोविड अस्पताल बनाने की अनुमति मांगी है। इसके साथ ही 170 आक्सीजन कंसंट्रेटर की मांग भी शासन से की गई है। आक्सीजन के चार प्लांट लगाने की मांग भी शासन ने पूरी कर दी है। दो प्लांट तीन सौ बेड के अस्पताल में और एक-एक मीरगंज और बहेड़ी सीएचसी पर लगाया जाना है।

सीएमओ डॉ. सुधीर कुमार गर्ग ने बताया कि शीशगढ़ और आंवला सीएचसी में तीस-तीस बेड का कोविड अस्पताल शुरू कर दिया गया है। वहां पांच-पांच आक्सीजन कंसंट्रेटर समेत अन्य संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। चीनी मिल ने शीशगढ़ में पांच आक्सीजन कंसंट्रेटर व पल्स आक्सीमीटर दिए हैं। अन्य सभी सीएचसी पर दस-दस आक्सीजन कंसंट्रेटर लगाने के लिए लाइन खींचने का काम शुरू करा दिया गया है।

तीन और निजी अस्पतालों को बनाया कोविड सेंटर

सीएमओ ने बताया कि शहर के तीन प्राइवेट अस्पतालों आला हजरत अस्पताल, ग्लोबल हॉस्पिटल और केयर अस्पताल को भी कोविड अस्पताल बना दिया गया है। धनवंतरी अस्पताल को भी कोविड हास्पिटल बनाने की तैयारी चल रही है। इससे अधिक मरीजों को इलाज मिल सकेगा।

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