बरेली में जर्जर व्यवस्था से लोगों में करेंट का खौफ, जुगाड़ तंत्र पर चलता बिजली विभाग
कहने को तो हम 21वीं सदी में चल रहे हैं। लेकिन बिजली महकमे की कई व्यवस्थाएं अब भी राम भरोसे हैं। ऐसा तब है कि जबकि हाल में जर्जर हाईटेंशन लाइन टूटने की वजह से एक-एक कर दो हादसे पंद्रह दिनों के अंदर हो चुके हैं।
बरेली, जेएनएन। : कहने को तो हम 21वीं सदी में चल रहे हैं। लेकिन बिजली महकमे की कई व्यवस्थाएं अब भी राम भरोसे हैं। ऐसा तब है कि जबकि हाल में जर्जर हाईटेंशन लाइन टूटने की वजह से एक-एक कर दो हादसे पंद्रह दिनों के अंदर हो चुके हैं। हालांकि इन जर्जर हालात के पीछे संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के अलावा एक बड़ी वजह महकमे के पास बजट की कमी भी है। अधिकारियों के मुताबिक बजट न होने की वजह से ही जर्जर तार या पोल बदलने की जगह जुगाड़ व्यवस्था से काम करना पड़ रहा है।
कुतुबखाना :
कुतुबखाना में डाकघर के पास बिजली के तारों का गुच्छा एक एंगल पर बांधा है। यह एंगल भी टूटकर लटक चुका है। लेकिन इसके बावजूद अधिकारियों ने व्यवस्था दुरुस्त करने की जगह जुगाड़ पर ही भरोसा जताया और एंगल को दीवार पर रस्सी से बांध दिया।
सिविल लाइंस :
सिविल लाइंस में एडीजी आफिस के पास आवास विकास वाले मोड़ पर बिजली के पोल पर ही एक फ्यूज बाक्स खुला पड़ा है। ये ऐसी जगह है जहां अधिकांश लोग आते-जाते हैं। खुले तार और ऊपर से बरसात का मौसम किसी भी दिन हादसे का सबब बन सकते हैं।
किला व किला छावनी:
यहां जगह-जगह बिना सुरक्षा जाली के खुले हुए ट्रांसफार्मर आराम से दिख जाएंगे। खासकर सत्यप्रकाश पार्क के पास लगे ट्रांसफार्मर के आसपास सब्जी के ठेले खूब लगते हैं, ऐसे में हादसे का डर रहता है। किला छावनी के पास भी यही हाल है। चौपुला पुल के कई पोल इतना झुक चुके हैं कि कभी भी गिर सकते हैं।
श्री रामविहार कालोनी :
यहां पोल से कई बार करंट उतर चुका है। कई बार मवेशी और एक बार कोई शख्स भी करंट की चपेट में आया। यहां कई बार शिकायत के बावजूद बिजली महकमे के अधिकारियों ने सुनवाई नहीं की तो लोगों को मजबूरी ने पोल के चारों और रबर और प्लास्टिक बांधनी पड़ी।
शीशगढ़ :
जब शहर के इलाकों में ही इतने खराब हाल हैं तो ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति और भी ज्यादा खराब होनी लाजमी है। शीशगढ़ में एक बिजली का पोल टूट गया। इस पर महकमे ने दूसरा पोल लगाकर पहले वालो पोल को दो जगह तारों के जरिए बांध दिया। हालांकि इस पोल के गिरने का डर अब भी है।