बरेली में पराली जलाने वाले किसानों को नहीं मिलेगी सम्मान निधि

पराली जलाने वाले किसान गंवा सकते हैं सम्मान - जिले में अब तक पराली जलाने की 48 घटनाएं की जा चुकी हैं चिह्नित - 25 हजार का जुर्माना लगाने के साथ ही सीज की गई कंबाइन हार्वेस्टर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Nov 2021 09:15 PM (IST) Updated:Mon, 15 Nov 2021 09:15 PM (IST)
बरेली में पराली जलाने वाले किसानों को नहीं मिलेगी सम्मान निधि
बरेली में पराली जलाने वाले किसानों को नहीं मिलेगी सम्मान निधि

जागरण संवाददाता, बरेली: धान की कटाई अभी चल रही है। किसान कंबाइन हार्वेस्टर मशीन के जरिये धान की कटाई कराकर खेतों में बचने वाली पराली को खेत में ही जला देते हैं। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पराली जलाने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कृषि विभाग ऐसे किसानों को सम्मान निधि से वंचित करने की योजना बना रहा है। 15 सितंबर से 14 नवंबर तक जिले में पराली जलाने की कुल 48 घटनाएं सेटेलाइट के जरिये रिकार्ड हुई हैं।

उप निदेशक कृषि धीरेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि पिछले वर्ष इस अवधि में पराली जलाने के 63 मामले सामने आए थे। इस बार कुल 48 घटनाएं सामने आई हैं। जांच में इनमें से 25 घटनाएं ही पराली जलाने की पाई गई। अन्य मामले कूड़ा आदि जलाने के थे। दो घटनाओं की पुष्टि नहीं हो सकी, जबकि एक रामपुर जिले की थी। अब तक किसानों पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाने के साथ ही स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (एसएमएस) के बिना चल रही एक कंबाइन हार्वेस्टर मशीन को सीज किया गया है। पूरे मामले की रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।

पराली जलाने के नुकसान

एक टन धान के फसल अवशेष जलाने से तीन किलो कणिका तत्व, 60 किलो कार्बन मोनोआक्साइड, 1460 किलो कार्बन डाईआक्साइड, 199 किलो राख एवं दो किलो सल्फर डाईआक्साइड अवमुक्त होती है। इन गैसों के कारण सामान्य वायु की गुणवत्ता खराब होने से आंखों में जलन, त्वचा रोग, श्वास एवं हृदय रोग का खतरा बढ़ता है। एक टन धान की पराली जलाने से लगभग पांच-पांच किलो पोटैशियम आक्साइड, 1.2 किलो सल्फर, धान द्वारा शोषित 50-70 प्रतिशत सूक्ष्म पोषक तत्व एवं 400 किलो कार्बन की क्षति होती है।

पराली प्रबंधन अपनाएं किसान

उप निदेशक कृषि ने बताया कि पराली प्रबंध के अंतर्गत सुपर एसएमएस लगे कंबाइन हार्वेस्टर से ही धान की मड़ाई करें। पराली प्रबंधन वाले यंत्रों जैसे सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, मल्चर, रिवर्सेबल एमबी प्लाऊ, श्रब मास्टर आदि का प्रयोग करें।

वर्जन

एनजीटी की धारा 24 एवं 26 के अनुसार एक एकड़ तक पराली जलाने पर 2500 रुपये, एक से पांच एकड़ क्षेत्र के लिए पांच हजार रुपये और पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र की पराली जलाने पर 15 हजार रुपये जुर्माने का प्राविधान है। जो किसान पराली जलाएंग,े उनकी पीएम सम्मान निधि बंद की जा सकती है।

- धीरेंद्र सिंह चौधरी, उप निदेशक कृषि

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