बरेली में बजट आने के बाद भी तैयार नहीं हो पा रहे फार्म मशीनरी बैंक
बेसहारा पशुओं से फसल को बचाने और उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने हाल में एक योजना शुरू की थी। इसमें जिन ग्राम पंचायतों में बेसहारा पशुओं की वजह से सबसे अधिक फसल बर्बाद हुई है उन्हें चिह्नित कर वहां फार्म मशीनरी बैंक बनाने की पहल शुरू हुई है। इसके तहत ग्राम पंचायतों को बजट भी भेज दिया गया है लेकिन प्रधानों की लापरवाही की वजह अब तक यंत्र नहीं खरीदे गए हैं।
जागरण संवाददाता, बरेली: बेसहारा पशुओं से फसल को बचाने और उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने हाल में एक योजना शुरू की थी। इसमें जिन ग्राम पंचायतों में बेसहारा पशुओं की वजह से सबसे अधिक फसल बर्बाद हुई है, उन्हें चिह्नित कर वहां फार्म मशीनरी बैंक बनाने की पहल शुरू हुई है। इसके तहत ग्राम पंचायतों को बजट भी भेज दिया गया है, लेकिन प्रधानों की लापरवाही की वजह अब तक यंत्र नहीं खरीदे गए हैं।
जिला पंचायत राज विभाग की ओर से जिले में 12 ग्राम पंचायत चिह्नित की गई हैं, जहां बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए कैटल कैचर मशीन लगनी है। इसके अलावा ग्राम प्रधान और किसान शासन से 80 फीसद सब्सिडी लेकर पैडी स्ट्राचापर, श्रेडर, मल्चर, बेलर, स्ट्रा रेक आदि कृषि यंत्रों को खरीद सकते हैं। बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए कैटल कैचर की खरीदारी के लिए प्रधानों के खाते में 60 हजार रुपये भेजे जा चुके हैं, लेकिन अबतक सिर्फ बिजौरिया और नदेली में ही इसकी खरीदारी हो सकी है। योजना के अनुसार यंत्र द्वारा बेसहारा पशुओं को पकड़ कर गोशाला में भिजवाना होगा।
यंत्र खरीद कर कमाई भी कर सकते हैं किसान
फार्म मशीनरी बैंक योजना के तहत किसान कृषि यंत्र की खरीदारी कर कमाई भी कर सकते हैं। इसके लिए किसानों को योजना के तहत कस्टम हायरिग सेंटर बनाना होगा। इसमे में अपने कृषि यंत्र को 250 रुपये दिन के हिसाब से किराए पर मुहैया कराकर कमाई कर सकते हैं।
वर्जन
बेसहारा पशुओं से फसल को बचाने के उद्देश्य से शासन की ओर से ग्राम पंचायत निधि में कैटल कैचर के लिए बजट भेज दिया गया है। योजना के अनुसार बजट मिलते ही यंत्र खरीदने पर जोर है, लेकिन अब तक दो ही ग्राम पंचायतों में यंत्र की खरीदारी हुई है। प्रधानों से यंत्र को क्रय करने के लिए लगातार संपर्क किया जा रहा है।
- धर्मेंद्र कुमार, डीपीआरओ