अब लोक अदालत में निपटेंगे पारिवारिक मामले
फैमिली कोर्ट में विचाराधीन बहुत से मुकदमे ऐसे भी हैं जिनमें पक्षकार सुलह समझौता करके मुकदमे खत्म करना चाहते हैं।
जेएनएन, बरेली : कोरोना के प्रभाव के चलते ठप पड़ी अदालतों की सुनवाई अब तेजी पकड़ेगी। हाईकोर्ट के निर्देश पर आपसी सुलह से निपटने वाले पारिवारिक मुकदमों को लोक अदालत में सुना जाएगा। फैमिली कोर्ट में विचाराधीन बहुत से मुकदमे ऐसे भी हैं जिनमें पक्षकार सुलह समझौता करके मुकदमे खत्म करना चाहते हैं। उनके लिए आठ नवंबर को लगने वाली ई लोक अदालत एक सुनहरा अवसर है। फेमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश हरीश त्रिपाठी ने अधिवक्ताओं की मीटिंग बुलाकर ऐसे मामलों की सुनवाई सुनिश्चित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि काफी पारिवारिक मामले ऐसे भी होते हैं जिनमें पक्षकार जल्द से जल्द निपटारा करके अदालतों की दौड़-धूप खत्म करना चाहते हैं। ऐसे मामलों को लोक अदालत में सुना जाएगा और हाथों-हाथ निपटारा किया जाएगा। बुधवार को फैमिली कोर्ट के सभी पीठासीन अधिकारियों की सभा एडीआर भवन में संपन्न हुई। सभा में प्रधान न्यायाधीश हरीश त्रिपाठी, अपर प्रधान न्यायाधीश शैलोज चंद्रा, रेशमा चौधरी व सपना शुक्ला सहित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विष्णुदेव सिंह भी शामिल हुए। अधिवक्ताओं के सुझाव पर आठ नवंबर को लगने वाली पारिवारिक लोक अदालत के लिए पक्षकारों को समन किए जाएंगे ताकि पक्षकार सुलह समझौते के आधार पर मामले निस्तारित करा सकें। इस मौके पर मीडिएशन हेतु सेवारत अधिवक्ता ओमकार सिंह रघुवंशी, राजेश शर्मा, सुशील कुमार आदि भी मौजूद रहे।