Fake Arms License Case : थाना प्रभारी बोले- मुझे नहीं मालूम क्‍यों नहीं दर्ज हुआ मुकदमा

Fake Arms License Case फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में तीन बार तहरीर देने के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो जांच अधिकारी को कोर्ट की शरण लेनी पड़ी।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 10:46 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 02:00 PM (IST)
Fake Arms License Case : थाना प्रभारी बोले- मुझे नहीं मालूम क्‍यों नहीं दर्ज हुआ मुकदमा
Fake Arms License Case : थाना प्रभारी बोले- मुझे नहीं मालूम क्‍यों नहीं दर्ज हुआ मुकदमा

शाहजहांपुर, जेएनएन। Fake Arms License Case : फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में तीन बार तहरीर देने के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो जांच अधिकारी को कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। कोर्ट के आदेश पर रविवार को फर्जी पते पर लाइसेंस लेने वाले फतेहगंज पूर्वी के हरेली गांव निवासी शिव कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। आरोप है उसने फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लिया है।

बरेली के थाना बारादरी के मुहल्ला कुसुम नगर निवासी भरत कुमार गौतम लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त कार्यालय में प्रभारी निरीक्षक के पद पर तैनात हैं। गौतम ने बताया कि वह वर्ष 2015 में शाहजहांपुर में हुए 195 फर्जी शस्त्र लाइसेंस प्रकरण में तत्कालीन शस्त्र लिपिक चंद्रप्रकाश व उसके बनाए फर्जी लाइसेंसों की जांच कर रहे हैं।

शस्त्र लाइसेंस रजिस्टर की क्रमांक संख्या 180 पर रिवाल्वर का लाइसेंस शिव कुमार निवासी ग्राम पृथ्वीपुर उर्फ नगरिया थाना कटरा के नाम दर्ज दर्शाया गया है। जबकि शिव कुमार का सही पता ग्राम हरेली थाना फतेहगंज पूर्वी है। वर्तमान में वह बरेली के ही मुहल्ला कुसुम नगर में रहता है।

गौतम ने बताया जिस लाइसेंस संख्या 4992 पर रिवाल्वर का लाइसेंस दर्शाया गया है वह पूरी तरह फर्जी है क्योंकि जांच उस नंबर पर थाना कटरा के ग्राम बाबूपुर बुजुर्ग निवासी प्रदीप स‍िंंह को राइफल का लाइसेंस पहले ही जारी किया जा चुका है। शिवकुमार ने शपथ पत्र देकर अपना शस्त्र तिलहर के एक गन हाउस पर जमा दर्शाया है।

यह प्रकरण मेरे चार्ज लेने से पहले का है। तहरीर देने के बाद भी मुकदमा दर्ज क्यों नहीं हुआ इस बारे में पूर्व थाना प्रभारी ही बता सकते हैं। मेरे सामने आदेश आया तो मुकदमा दर्ज कर दिया। - जसवीर सि‍ंह, प्रभारी निरीक्षक, तिलहर (शाहजहांपुर) 

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