बरेली में संक्रमण ठीक हाेने के बाद भी लाेग खाली नहीं कर रहे बेड, डाॅक्टर के पूछने पर बना रहे ये बहाना

एक तरफ जिले में सैकड़ों लोग अपने कोरोना संक्रमित स्वजन के इलाज के लिए एक-एक बेड के लिए तरस रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कई ऐसे भी लोग हैं जो इलाज के बाद जांच में रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद बेड पर कब्जा जमाए हैं।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 04:30 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 04:30 PM (IST)
बरेली में संक्रमण ठीक हाेने के बाद भी लाेग खाली नहीं कर रहे बेड, डाॅक्टर के पूछने पर बना रहे ये बहाना
बरेली में संक्रमण ठीक हाेने के बाद भी लाेग खाली नहीं कर रहे बेड

बरेली, जेएनएन। एक तरफ जिले में सैकड़ों लोग अपने कोरोना संक्रमित स्वजन के इलाज के लिए एक-एक बेड के लिए तरस रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर कई ऐसे भी लोग हैं जो इलाज के बाद जांच में रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद बेड पर कब्जा जमाए हैं। पूछने पर सांस लेने में दिक्कत बता देते हैं। ऐसे में अस्पताल प्रशासन भी इन मरीजों को नहीं हटा पा रहा है। मामला 300 बेड कोविड अस्पताल का है।

दरअसल, 300 बेड कोविड अस्पताल में इस समय करीब 40 मरीज हैं, जिनकी एंटीजन रिपोर्ट पांच से छह दिन पहले निगेटिव आ चुकी है। ऐसे में दूसरे संक्रमितों को भर्ती करने के लिए बेड की जरूरत पर ऐसे मरीजों को डिस्चार्ज होने को कहा गया। लेकिन संक्रमित और तीमारदार सांस लेने में दिक्कत बताकर बिस्तर खाली नहीं कर रहे। अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक इन सभी मरीजों का आक्सीजन लेवल 98 फीसद के करीब है। यही नहीं, कोरोना संक्रमण के कोई लक्षण भी नहीं है। ऐसे में इन लोगों के बेड न खाली करने से नए संक्रमित मरीज भर्ती नहीं कर पा रहे हैं।

शासन की गाइडलाइन ही बनी मुसीबत : अस्पताल प्रशासन से पूछा कि आखिर इन मरीजों से अब तक बेड क्यों नहीं खाली कराया जा सका। इस पर अधिकारियों ने बताया कि कुछ दिन पहले शासन ने गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें एंटीजन या आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव रिपोर्ट या जांच न होने के बावजूद संक्रमण के लक्षण या शिकायत वाले मरीजों को तत्काल भर्ती किया जाए। इन्हें तत्काल भर्ती करने के बाद इलाज दिया गया। इस दौरान एंटीजन और आरटी-पीसीआर जांच भी कराई गई। इसमें रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद मरीज कोरोना संक्रमण के डर से बेड खाली करने को राजी नहीं।

निगरानी के लिए बनी है चार सदस्यीय समिति ःसरकारी, निजी चिकित्सालयों में आइसीयू और ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था करने। अस्पतालों में मानव संसाधन सुनिश्चित करने, संक्रमितों के प्रभावी इलाज के लिए शासन के निर्देश पर हर जिले में कमेटी बनी थी। जिले में सीडीओ चंद्रमोहन गर्ग की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी है। इसमें सीएमओ डॉ.सुधीर कुमार गर्ग, एसीएमओ डाॅ. रंजन गौतम और एसीएमओ डा. आरएन गिरी सदस्य हैं। इसी कमेटी पर आइसोलेशन वार्ड में दवाइयां और मास्क सुनिश्चित करने। रेमडेसिविर समेत आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता और होम क्वारंटाइन मरीजों को दवाइयों की किट पहुंचवाने की जिम्मेदारी है।

बेड पर जबरन कब्जा करने वाले लोगों से जुड़े मामले की जानकारी अस्पताल प्रबंधन से मिली है। कुछ दिन पहले आए शासनादेश के बाद ऐसे मामलों को निस्तारित करने के दिशा-निर्देश उच्चाधिकारियों से मांगे हैं। निर्देश के अनुरूप कार्रवाई होगी। - डॉ.एसके गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बरेली

300 बेड अस्तपाल में दस वॉलियंटर प्रशासन ने अपने लगाए है। तीमारदार और मरीजों के साथ अच्छे संबंध बनाए जाए। उनहें काउंसलिंग दी जाए। तीन शिफ्ट में काम करने वाले ये वॉलियंटर थर्ड आइ के रूप में काम करेंगे। बेड समय पर खाली हाेने से एक जरूरतमंद के काम आएगा। - नितीश कुमार, डीएम बरेली 

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