बैट्री लदे ट्रक में की जा रही थी अंग्रेजी शराब की तस्करी

सीबीगंज पुलिस को बुधवार शाम मुखबिर से सूचना मिली कि चंडीगढ़ से बिहार के लिए शराब तस्करी की जा रही है। शराब से लदा ट्रक बड़ा बाइपास झुमका चौराहेे होते हुए जाएगा। जिसके बाद पुलिस ने वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 01:12 AM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 01:12 AM (IST)
बैट्री लदे ट्रक में की जा रही थी अंग्रेजी शराब की तस्करी
चंडीगढ़ से पटना जा रहा था शराब से लदा ट्रक, बड़ा बाईपास पर पुलिस ने पकड़ा।

बरेली, जेएनएन। चंडीगढ़ से पटना जा रहा अंग्रेजी शराब से लदा ट्रक पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर बड़ा बाइपास पर पकड़ा। तस्करों ने शराब तस्करी के लिए नया तरीका इजाद किया था। वह बैट्रियों के बीच शराब की पेटियां छुपाकर ले जा रहे थे। पुलिस 60 पेटी शराब बरामद कर तीन तस्करों को गिरफ्तार किया। पूछताछ के बाद सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया।

सीबीगंज पुलिस को बुधवार शाम मुखबिर से सूचना मिली कि चंडीगढ़ से बिहार के लिए शराब तस्करी की जा रही है। शराब से लदा ट्रक बड़ा बाइपास झुमका चौराहेे होते हुए जाएगा। जिसके बाद पुलिस ने वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी। इसी दौरान एक ट्रक को पुलिस ने शक के आधार पर रोका। पुलिस ने ट्रक चालक बबलू कुमार और उसमें सवार प्रियांशु उर्फ अमन निवासी साहिबगंज मुजफ्फरपुर बिहार व सचिन निवासी चंडीगढ़ को ट्रक से नीचे उतारा। तीनों से पूछताछ की तो बताया ट्रक में बैट्रियां लदी है। पुलिस ने ट्रक की तलाशी के लिए खोला तो उसमें बैट्रियां लदी थींं। उसी दौरान मुखबिर के इशारे पर पुलिस ने ट्रक से बैट्रियां उतरवानी शुरू की तो शराब की पेटियां दिखाई पड़ी। जिसके बाद पुलिस ट्रक को लेकर सीबीगंज थाने पहुंची। जहां पूरा ट्रक खाली कराने पर उसमें 233 बैट्रियों के बीच छुपाकर रखी गई शराब की 60 पेटी बरामद हुई। पूछताछ में पता चला कि आरोपित शराब चंडीगढ़ खरीदकर बिहार की राजधानी पटना लेकर जा रहे थे। 

हर हफ्ते ट्रक से करते थे तस्करी

पकड़े गए तस्करों ने बताया कि वह कई सालों से शराब की तस्करी करते थे। वह हर हफ्ते एक ट्रक में बैट्रियों के बीच शराब छुपाकर ले जाते थे। शराब उतारने के बाद वह फिर बैट्री लदे ट्रक को लेकर वापस आ जाते थे। उसके बाद दोबारा उसी में शराब छुपाकर ले जाते थे।

एक चक्कर लगाने पर पांच लाख का मुनाफा

पूछताछ में पता चला कि तस्कर शराब की एक बोतल पांच सौ रुपये में खरीदते थे। जिसके बाद पटना पहुंचाने पर एक बोतल के 12 सौ रुपये मिलते थे। उन्हें सात सौ रुपये प्रति बोतल की बचत होती थी। पकड़ी गई शराब पटना पहुंचाने पर उन्हें करीब पांच लाख का मुनाफा होता था। 

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