बरेली में हर तरफ अतिक्रमण का बोलबाला, कहां हैं नगर निगम के इंतजाम, आखिर किस लिए बनी टीम भोला
Encroachment everywhere in Bareilly दो साल पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगर निगम की जमीनों पर कब्जे रोकने शहरों में अतिक्रमण हटाने के लिए प्रवर्तन दल गठित किए थे। मंशा थी कि अतिक्रमण नहीं होगा सड़कें चौड़ी होंगी और वाहनों के साथ ही लोगों को निकलने में आसानी होगी।
बरेली, जेएनएन। Encroachment everywhere in Bareilly : दो साल पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगर निगम की जमीनों पर कब्जे रोकने, शहरों में अतिक्रमण हटाने के लिए प्रवर्तन दल गठित किए थे। मंशा थी कि शहरों में अतिक्रमण नहीं होगा, तंग सड़कें चौड़ी होंगी और वाहनों के साथ ही लोगों को निकलने में आसानी होगी। दो साल होने को है, लेकिन शहर की सड़कें आज भी अतिक्रमण से भरी हुई हैं। आर्मी रिटायर्ड कर्नल सुधीर भोला के नेतृत्व वाली प्रवर्तन की पूरी टीम चाबी वाले खिलौने की तरह बनकर रह गई है। जितना आदेश उतना ही काम टीम कर रहे हैं। मोटी तनख्वाह के बावजूद टीम का काम बेहद कम है। बीते दिनों कोरोना काल में टीम का कोई काम सामने नहीं आया। जहां प्रवर्तन दल ने अतिक्रमण हटाया, वहां दोबारा कब्जा हो गया है।
रिटायर्ड कर्नल समेत 13 फौजियों का है प्रवर्तन दल : अगस्त 2019 में शासन की ओर से पूर्व फौजियों का एक प्रवर्तन दल नगर निगम में तैनात किया गया। 13 सदस्यीय इस प्रवर्तन दल में एक रिटायर्ड कर्नल सुधीर भोला, चार कमिश्नड अधिकारी और आठ सेवानिवृत्त जवान शामिल हैं। नगर निगम इस टीम को राज्य वित्त आयोग मद से तनख्वाह देता है। रिटायर्ड कर्नल की करीब एक लाख रुपये, कमिश्नड अधिकारियों की 40 हजार और जवानों की 35 हजार रुपये प्रतिमाह तनख्वाह है। नगर निगम हर माह करीब साढ़े पांच लाख रुपये प्रवर्तन दल पर खर्च करता है।
जहां हटाया अतिक्रमण वहां फिर हो गए कब्जे : प्रवर्तन दल को रखने का उद्देश्य निगम की जमीनों, सड़कों के किनारे से अतिक्रमण हटाना है। इसके साथ ही नगर निगम के तमाम अभियान जैसे पालीथिन, डेयरी, रेता-बजरी हटाने के साथ ही टैक्स वसूली के लिए भी इस टीम को लगाया जाता है। प्रवर्तन दल ने नगर निगम की टीम के साथ सड़कों से अतिक्रमण, रेता-बजरी, जमीनों से अतिक्रमण हटाया, लेकिन वहां दोबारा कब्जे हो गए। अतिक्रमण करने वालों पर प्रवर्तन दल का कोई खौफ नहीं दिखाई देता है। कोरोना काल के दौरान टीम खाली रही।
अतिक्रमण नहीं हटाने पर महापौर ने जताई नाराजगी : शहर में अतिक्रमण की शिकायतें महापौर डॉ. उमेश गौतम को लगातार मिल रही हैं। उन्होंने तमाम जगह अतिक्रमण हटाने के निर्देश अधिकारियों को दिए, लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाया गया। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई है। मढ़ीनाथ के विनय कुमार ने गली पर फाटक लगाकर कब्जा करने की शिकायत की थी। कार्यकारिणी सदस्यों ने वार्ड 42 चौधरी मुहल्ला में नगर निगम की भूमि पर डेयरी वालों का कब्जा होना बताया था। सुरजीत सिंह ने रोड नंबर सात कृष्णा कालोनी में रोड पर दीवार उठाकर गैराज बनाकर रास्ता बंद करने की शिकायत की थी। मिशन कंपाउंड के पास नाले का स्लैब पूरा नहीं तोड़ने की शिकायत की थी। महापौर ने अतिक्रमण प्रभारी व प्रवर्तन दल को पत्र भेजकर तत्काल अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी : महापौर डॉ. उमेश गाैैैतम ने बताया कि शहर में अतिक्रमण हटाने को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। अतिक्रमण हटाने के लिए निगम में अपनी टीम के साथ ही प्रवर्तन दल भी है, लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है। इस पर अधिकारियों को पत्र भेजकर चेताया है।नगर आयुक्त अभिषेक आनंद ने बताया कि प्रवर्तन दल नगर निगम की टीम के साथ मिलकर काम करता है। पालीथिन, डेयरी, रेता-बजरी हटाने के अभियान में प्रवर्तन दल साथ रहता है। कुछ समय पहले कोरोना संक्रमण के चलते अभियान बंद थे, जल्द फिर शुरू कराए जाएंगे। शिकायत मिलने पर अतिक्रमण हटाए जाते हैं।