Eid ul Fitr 2021 : बरेलवी धर्मगुरुओं की अपील, ईद पर मिलाएं दिल, न हाथ मिलाएं न मिलें गले

Eid ul Fitr 2021 कोरोना की दूसरी लहर के कारण इस बार भी ईद का त्योहार बेनूर हो गया है। बाजारों में रौनक नहीं है। कोरोना के चलते बरेलवी धर्मगुरुओं ने लोगों से कोविड नियमों का पालन करते हुए ईद मनाने की अपील की है।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 04:38 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 04:38 PM (IST)
Eid ul Fitr 2021 : बरेलवी धर्मगुरुओं की अपील, ईद पर मिलाएं दिल, न हाथ मिलाएं न मिलें गले
घरों में ही अदा की जाएगी ईद की नमाज, फोन पर दी जाएगी मुबारकवाद, मरीजों की करेंगे मदद।

बरेली, जेएनएन। Eid ul Fitr 2021 : कोरोना की दूसरी लहर के कारण इस बार भी ईद का त्योहार बेनूर हो गया है। बाजारों में रौनक नहीं है और लोगों का उत्साह दब गया है। कोरोना के चलते बरेलवी धर्मगुरुओं ने लोगों से सादगी के साथ कोविड नियमों का पालन करते हुए ईद मनाने की अपील की है। पूरी एहतियात के साथ त्योहार मनाने के साथ ही बीमार व जरूरतमंदों की मदद करने को भी कहा है।

इस बार ईद का त्योहार 13 या फिर 14 मई को मनाए जाने की संभावना है। रमजान के इन पाक दिनों में लोग रोजे भी रख रहे हैं, लेकिन कोरोना कर्फ्यू के कारण बाजारों की रौनक गायब हो गई है। लोग घरों में ही इबादत कर रहे हैं। दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा खां कादरी ने देश के हालात पर फिक्र जाहिर की है। खुदा से दोबारा ऐसे दिन नहीं दिखाने की दुआ की है। उन्होंने लोगों से अपनों और पड़ोसियों का ख्याल रखने को कहा है।

हर किसी की मदद करने को कहा है। बोले, अल्लाह से दुआ है कि इस बवा (बीमारी) से जल्द निजात मिले। दोबारा से दुनिया में अमन और सुकून कायम हो। उन्होंने लोगों को भी जागरूक होने को कहा। बहुत जरूरी होने पर ही घरों से निकले। मास्क जरूर लगाए। कोविड 19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए ईद मनाने की लोगों से अपील की है। मुफ्ती गुलाम मुस्तफा रजवी ने कहा कि कोरोना बीमारी हमेशा नहीं आती लेकिन ईद हमेशा आती है।

ईद की खुशी यही है कि हम सावधानी बरतें। ईद की नमाज में अल्लाह से बीमारी के खात्मे की दुआ करें। मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने मुसलमानों से ईद की खरीदारी के लिए दुकानों व बाजारों में भीड़ न लगाने की अपील की है। कहा, ईद की नमाज बड़ी सादगी के साथ अदा करें। गले न मिले और हाथ न मिलाएं, सिर्फ दिल मिलाएं। मौलाना ने कहा कि फित्रा महीने भर के रोजों का सदका है और ईद खुदा की तरफ से रोजेदारों के लिए तोहफा है। इस महीने में गरीबों और जरूरतमंदों का ख्याल रखें।

दूर से और फोन पर ही दें ईद की मुबारकबाद

बरेलवी धर्मगुरुओं का कहना है कि ईद पर गले मिलने का मतलब होता है कि अगर आपकी किसी से दुश्मनी या मनमुटाव है तो उनको भुलाकर गले मिलें जिससे मनमुटाव खत्म हो और फिर से दिल मिल सकें। इस वक्त किसी से अगर मोहब्बत निभानी है तो दूर रहना चाहिए। मुस्लिम स्कॉलर मुफ्ती साजिद हसनी ने बताया कि अगर आप इस वक्त दूर से ही सलाम करते हो या मुबारकबाद देते हो, तो हम खुद भी बचते और दूसरों को भी बचाते है। ईद खुशियों का नाम है और हम यही तोहफा दे सकते हैं। परिचितों को फोन पर ही मुबारकबाद दें।

ईद पर घरों पर ही होगी इबादत

कोरोना के कारण सरकार ने 17 मई तक कर्फ्यू लगा दिया है। कोरोना के कारण चार से पांच लोगों को ही इकट्ठे होकर नमाज पढ़ने की इजाजत दी गई है। इस बार भी ईदगाह, जामा मस्जिद में भी चंद लोग ही नमाज को जुटेंगे। अन्य स्थानों पर भी भीड़ नहीं होगी। लोग घरों पर ही इबादत करेंगे और एक-दूसरे को मुबारकबाद देंगे। 

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