बरेली में स्कूली बच्चों की सेहत खतरे में डालने की हो रही तैयारी, जानिये कैसे बनाया जा रहा दबाव
परसाखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र के पास बने दिल्ली पब्लिक स्कूल के पास बायो वेस्ट मेडिकल प्लांट दोबारा खोलने के लिए जांच टीम में शामिल सदस्य व सीनियर अधिकारी पर गलत रिपोर्ट पर साइन करने का दबाव बनाया गया। गाइडलाइन तक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जांच से पहले मुहैया नहीं कराई।
बरेली, जेएनएन। परसाखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र के पास बने दिल्ली पब्लिक स्कूल के पास बायो वेस्ट मेडिकल प्लांट दोबारा खोलने के लिए जांच टीम में शामिल सदस्य व सीनियर अधिकारी पर गलत रिपोर्ट पर साइन करने का दबाव बनाया गया। वहीं, टीम में शामिल एक भी सदस्य को गाइडलाइन तक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शनिवार को हुई जांच से पहले मुहैया नहीं कराई। दोनों सदस्यों ने नोडल टीम यानी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रवैये पर एतराज जताया है।
एनजीटी ने जिलाधिकारी बरेली से एक जांच कमेटी बनाकर इनविराड मेडिकेयर प्राइवेट लिमिटेड फर्म नाम से संचालित रहे बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट और आसपास के इलाके का भौतिक निरीक्षण करने और जांच रिपोर्ट देने का आदेश दिया था। टीम में शामिल स्वास्थ्य विभाग के एसीएमओ डॉ.आरएन गिरी ने बताया कि मौके पर निरीक्षण के दौरान बफर जोन यानी स्कूल से 500 मीटर की हद में ही प्लांट है।
ऐसे में साफ है कि प्लांट चलने से सैकड़ों स्कूली बच्चों की सेहत खतरे में पड़ेगी। बावजूद इसके नोडल विभाग के लोग बफर जोन और स्कूल के निर्माण को लेकर मिसलीड कर गलत रिपोर्ट पर साइन कराना चाहते हैं। वहीं, दूसरे सदस्य एमपीएस राठौर ने बताया कि जांच से पहले ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड विभाग के अधिकारियों से गाइडलाइन मांगी थी, लेकिन उन्होंने नहीं दी। वहीं, प्रशासनिक अधिकारी एडीएम सिटी महेंद्र सिंह ने बताया कि रिपोर्ट प्रदूषण नियंत्रण बनाकर देगा। अन्य किसी बात की जानकारी नहीं है। गाइडलाइन के मुताबिक ही रिपोर्ट फाइनल की जाएगी।
जांच टीम में ये शामिल
जांच टीम में नोडल संबंधित विभाग प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से क्षेत्रीय अधिकारी रोहित सिंह, सहायक अभियंता शशि बिंदकर के अलावा प्रशासन से एडीएम सिटी महेंद्र सिंह, स्वास्थ्य विभाग से एसीएमओ डॉ.आरएन सिंह और नगर निगम से एमपीएस राठौर हैं। औद्योगिक क्षेत्र के पास बने दिल्ली पब्लिक स्कूल ने बायो मेडिकल प्लांट संचालन को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) का दरवाजा खटखटाया था।
जिम्मेदार अधिकारियों का नहीं उठा फोन
इस बाबत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से कई बार फोन कर बात करने की कोशिश की, लेकिन क्षेत्रीय अधिकारी रोहित सिंह और सहायक अभियंता शशि बिंदकर ने एक भी बार काल रिसीव नहीं की।