पीलीभीत में ई स्टांप विक्रेता का खेल, दस हजार का स्टांप बेच कर खजाने में जमा किए 100 रुपए, जानिए आगे क्या हुआ

पीलीभीत में एक स्टांप विक्रेता ने कंप्यूटर में हेराफेरी करके ई-स्टांप की बिक्री में खेल कर दिया। क्रेता ने उससे दस हजार रुपये का ई-स्टांप खरीदा लेकिन विक्रेता ने उससे पूरी रकम लेकर सरकारी खजाने में सिर्फ सौ रुपये जमा किए।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 12:49 PM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 12:49 PM (IST)
पीलीभीत में ई स्टांप विक्रेता का खेल, दस हजार का स्टांप बेच कर खजाने में जमा किए 100 रुपए, जानिए आगे क्या हुआ
पीलीभीत में ई स्टांप विक्रेता का खेल, दस हजार का स्टांप बेच कर खजाने में जमा किए 100 रुपए

बरेली, जेएनएन। Pilibhit E Stamp Game : पीलीभीत में एक स्टांप विक्रेता ने कंप्यूटर में हेराफेरी करके ई-स्टांप की बिक्री में खेल कर दिया। क्रेता ने उससे दस हजार रुपये का ई-स्टांप खरीदा लेकिन विक्रेता ने उससे पूरी रकम लेकर सरकारी खजाने में सिर्फ सौ रुपये जमा किए। शेष रकम उसने गबन कर ली। सदर के सब-रजिस्टार ने स्टांप विक्रेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

सदर तहसील के सब-रजिस्टार जयप्रकाश की ओर से कोतवाली में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में कहा गया कि मुहल्ला फीलखाना निवासी ई-स्टांप विक्रेता अबरार खां ने अमरिया तहसील के गांव बसंतपुर निवासी शहादत खां व बाबू खां को दस हजार रुपये का ई-स्टांप बेचा। यह स्टांप आइसीआइसीआइ बैंक में बंधक किया गया। जब इस ई-स्टांप को प्रस्तुत किया गया तो जांच में पाया गया कि ई-स्टांप विक्रेता ने अपने बिक्री रजिस्टर में तो दस हजार रुपये का ई-स्टांप बेचना दर्शाया।

जिसमें उसने अपना दो सौ रुपये का कमीशन देना भी दर्शाया लेकिन वास्तव में सरकारी खजाने में सिर्फ सौ रुपये जमा करके उतनी ही धनराशि का ई-स्टांप बेचना दर्शा दिया। इसके बाद बैंक शाखा प्रबंधक को नोटिस जारी पूछताछ की गई। इसके जवाब में उन्होंने जांच करके बताया कि ई-स्टांप विक्रेता ने हेराफेरी कर दी है। जांच में पाया गया कि ई-स्टांप विक्रेता ने सरकारी खजाने में सौ रुपये जमा करके शेष धनराशि का गबन कर लिया है। सदर कोतवाल मदन मोहन चतुर्वेदी ने बताया कि सब-रजिस्टार की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जल्द ही आरोपित को गिरफ्तार किया जाएगा। 

दहेज उत्पीड़न में पति सहित सात पर मुकदमा

बरेली के थाना बारादरी क्षेत्र के न्यू आवास विकास कालोनी निवासी विष्णु कुमार अग्रवाल की बेटी प्रीति अग्रवाल ने थाना सुनगढ़ी में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि 11 मार्च 2007 को उसकी शादी संजय गर्ग पुत्र प्रेम प्रकाश गर्ग निवासी वसंत कुंज नई दिल्ली के साथ हुई थी। विवाह बाद उसकी दो बेटियां इशिता गर्ग 13, हर्षिता गर्ग 11 वर्ष की हैं। जो उनके साथ 2015 से रह रही हैं। उनके माता-पिता ने काफी भव्य शादी की थी।

जब वह शादी के बाद ससुराल गई, तो पति संजय, ससुर प्रेम प्रकाश गर्ग, सास किरनमाला गर्ग, जेठ राजेश गर्ग जेठानी कविता, मनोज, मोनिका नंद संध्या पत्नी देशराज कटियार का व्यवहार उनके साथ बेहद कटु और क्रूर था। ससुर पिछले जन्म की किस्से सुनाकर मानसिक शोषण करते थे। ससुर ने मुख्य कमरे से निकालकर सर्वेंट रूम में रहने को मजबूर किया। कई बार पैसे की मांग की। 2015 में उसे पीटा गया। उसे बिना तलाक दिए पति ने दूसरी शादी कर ली। सुनगढ़ी थाना पुलिस ने मामले में पति संजय गर्ग, ससुर प्रेम प्रकाश, सास किरनमाला, जेठ राजेश, मनोज, जेठानी कविता, मोनिका और ननद संध्या के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

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