योगी सरकार की नीतियों से परिषदीय विद्यालय की तरफ लोगों का बढ़ा आकर्षण, निजी स्कूलों के बच्चेे सरकारी में ले रहे प्रवेश
Policies of Yogi government बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित परिषदीय विद्यालयों की दशा व दिशा बदली तो लोगों की सोच भी बदल गई है। पीलीभीत जनपद के संचालित परिषदीय विद्यालयों में हुए नामांकन के दौरान बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है।
बरेली, जेएनएन। Policies of Yogi government : बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित परिषदीय विद्यालयों की दशा व दिशा बदली तो लोगों की सोच भी बदल गई है। पीलीभीत जनपद के संचालित परिषदीय विद्यालयों में हुए नामांकन के दौरान बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। शैक्षिक सत्र 2021-22 में 500 से अधिक बच्चों का नामांकन निजी विद्यालयों से परिषदीय विद्यालयों में हुआ है। लोगों का भरोसा सरकारी स्कूल की व्यवस्थाओं पर बढ़ा है जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने अपने बच्चों को निजी विद्यालयों से निकालकर परिषदीय विद्यालयों में भेजना शुरू किया है। लोगों के मुताबिक, अब सरकारी स्कूल पहले जैसे नहीं रहे। अच्छी पढ़ाई हो रही है और खर्च भी कुछ नहीं है। हालांकि कुछ लोगों ने महामारी के दौरान आमदनी में आई कमी के कारण अपने बच्चों का प्रवेश निजी विद्यालय से परिषदीय विद्यालय में कराया है।
डीएम ने कराया सर्वे: जिलाधिकारी पुलकित खरे ने परिषदीय विद्यालयों में गुणात्मक विकास के लिए सदैव संजीदगी दिखाई। आपरेशन कायाकल्प के सफल क्रियान्वयन के बाद उन्होंने शैक्षिक स्तर सुधारने पर जोर दिया। आपरेशन कायाकल्प को सफलता पूर्वक अमलीजामा पहनाने के कारण परिषदीय विद्यालयों को आकर्षक रूप मिला। इससे प्रभावित होकर अभिभावकों ने अपने बच्चों को बेहतर सुविधाओं से लैस परिषदीय विद्यालयों में भेजना मुनासिब समझा।
जिलाधिकारी ने अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) के माध्यम से स्थानीय स्तर पर सर्वे कराया। इसके बाद शीर्ष दस विद्यालयों की सूची तैयार हुई जिनमें निजी विद्यालयों से नाम कटाकर परिषदीय विद्यालयों में नामांकन हुए। इसमें से पांच विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को सम्मानित भी किया गया। जिलाधिकारी द्वारा कराए गए सर्वे में सामने आए शीर्ष दस विद्यालयों में कुल 515 छात्र/छात्राएं ऐसे पाए गए जो निजी विद्यालयों से सरकारी विद्यालयों में पढ़ने के लिए पहुंचे।
निजी विद्यालयों से परिषदीय विद्यालयों में प्रवेश के मुख्य कारण
1. आपरेशन कायाकल्प से परिषदीय विद्यालयों का बदला स्वरूप।
2. नवीन भर्ती में हुए शिक्षक चयन में योग्यता को प्रधानता।
3. निष्ठा प्रशिक्षण के द्वारा शिक्षण कौशल में बदलाव
4. दीक्षा एप, प्रेरणा एप आदि के माध्यम से पाठ्यक्रम का डिजीटलीकरण।
5. मिशन प्रेरणा के अंतर्गत विभिन्न माड्यूल से अध्ययन-अध्यापन में रोचकता लाने के प्रयास।
6. विद्यार्थियों के अधिगम को मापने के लिए विभिन्न स्तरों पर मूल्यांकन व उसके परिणाम से उपचारात्मक शिक्षण पर बल।
7. मिड-डे-मील, बैग, ड्रेस, जूता-मोजा के लिए निर्धारित धनराशि का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण। मुुफ्त पाठ्य-पुस्तिकाओं की सुविधा।
8. महामारी के दौरान रोजगार व आमदनी में आई गिरावट।
क्या कहते हैं अधिकारीः पीलीभीत के जिलाधिकारी पुलकित खरे ने बताया कि आपरेशन कायाकल्प योजना से परिषदीय विद्यालयों में बड़े स्तर पर अवसंरचनात्मक सुधार हुआ है। इसके अलावा प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से मध्याह्न भोजन, बैग, ड्रेस, किताब आदि बिना निजी खर्च के उपलब्ध कराया जा रहा है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना हमारा प्रमुख लक्ष्य है और इसके लिए विभिन्न प्रशिक्षण व कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं। समेकित प्रयासों का परिणाम है कि जनपद में निजी विद्यालयों से आकर परिषदीय विद्यालयों में प्रवेश कराने वाले विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है।