नारकोटिक्स अफसरों पर आरोप लगाकर फंसा दवा काराेबारी, नहीं बता पा रहा किसे बेचा पांच लाख 40 हजार बोतल फेंसोडिल सीरप
नारकोटिक्स अफसरों पर अवैध वसूली का आरोप लगाने वाला दवा का थोक व्यापारी अब खुद घिर गया है। नारकोटिक्स अफसर ने मामला सामने आने के बाद कहा कि व्यापारी से दवा खरीद और ब्रिकी का ब्यौरा मांगा गया। उसने कोई ब्यौरा नहीं दिया।
बरेली, जेएनएन। नारकोटिक्स अफसरों पर अवैध वसूली का आरोप लगाने वाला दवा का थोक व्यापारी अब खुद घिर गया है। नारकोटिक्स अफसर ने मामला सामने आने के बाद कहा कि व्यापारी से दवा खरीद और ब्रिकी का ब्यौरा मांगा गया। उसने कोई ब्यौरा नहीं दिया। नोटिस पर तबीयत खराब होने की जानकारी दी। इधर, व्यापारी का कहना है कि यदि वह गलत है तो उसका लाइसेंस निरस्त क्यों नहीं किया गया। बरहाल, मामले में नारकोटिक्स अफसर और दवा व्यापारी आमने-सामने आ गए हैं।
दवा के थोक व्यापारी प्रेमनगर के चाहबाई निवासी अंकित सक्सेना ने मंगलवार को एसएसपी से नारकोटिक्स अफसर व निरीक्षकों की शिकायत की थी। कहा था कि खरीद व ब्रिकी का पूरा ब्यौरा होने के बाद भी कर बकाया के नाम पर उसे 20 लाख रुपये वसूले गए। दी गई रकम की रसीद तक नहीं दी गई। आरोप लगाया कि यह रकम नारकोटिक्स अधीक्षक एलआर दिनकर ने इंस्पेक्टर महेश प्रताप को भेजकर वसूली। पांच दिसंबर 2021 को 50 लाख रुपये फिर मांगे गए।
बुधवार को पूरे मामले के बारे में जानकारी देते हुए एलआर दिनकर ने बताया कि दवा कारोबारी ने वर्ष 2019-20 में पांच लाख 40 हजार बोतल फेंसोडिल सीरप मंगवाए। खरीद का रिकार्ड तो है लेकिन, यह किसको ब्रिकी की गई। व्यापारी इसका रिकार्ड देने का तैयार नहीं है। इस संबंध में दो बार नोटिस भी जारी किया गया। इधर, दवा व्यापारी अंकित सक्सेना अपने आरोपों पर कायम हैं। नारकोटिक्स अधीक्षक ने पूरे मामले में ड्रग विभाग से भी बात की है। अब व्यापारी पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।