हिसा के खिलाफ बरेली के डाक्टर एकजुट, आइएमए ने जताया विरोध

बरेली, जेएनएन: कोरोना काल में योद्धा की भूमिका में उतरे निजी डाक्टरों ने कई राज्यों में साथियों के स

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 08:10 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 08:10 PM (IST)
हिसा के खिलाफ बरेली के डाक्टर एकजुट, आइएमए ने जताया विरोध
हिसा के खिलाफ बरेली के डाक्टर एकजुट, आइएमए ने जताया विरोध

बरेली, जेएनएन: कोरोना काल में योद्धा की भूमिका में उतरे निजी डाक्टरों ने कई राज्यों में साथियों के साथ हुई मारपीट के बाद राष्ट्रीय विरोध दिवस मनाया। सुबह दस बजे ही बरेली में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी आइएमए हाल में जमा हो गए। काले कपड़े पहले हुए डाक्टरों ने मास्क भी काले लगा रखे थे। हाथ में काले झंडे और गुब्बारे भी काले ही थे। साथ ही अन्य चिकित्सकों ने अपने अस्पतालों में छोटे समूहों में इस प्रदर्शन में भाग लिया। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

आइएमए अध्यक्ष डा.मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि आइएमए उन सभी 724 योद्धाओं को श्रद्धांजलि देता है जो महामारी की दूसरी लहर के दौरान काल के गाल में समा गए। पिछले दो सप्ताह में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में डाक्टरों के साथ कई हिसात्मक घटनाएं हुई हैं। वहीं, महिला डाक्टरों के साथ भी अभद्रता हुई है।

पीएम और गृहमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा

आइएमए ने राष्ट्रीय प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से प्रशासन के जरिये स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने के लिए पांच सूत्रीय मांग रखी हैं। प्रदर्शन के बाद आइएमए, बरेली शाखा के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा। इस प्रदर्शन में आइएमए पदाधिकारियों में अध्यक्ष डा. मनोज कुमार अग्रवाल, सचिव डा.अतुल कुमार श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष डा.राजीव गोयल, उपाध्यक्ष डा.धर्मेंद्र नाथ, कोषाध्यक्ष डा. गौरव गर्ग, पूर्व आइएमए यूपी स्टेट अध्यक्ष डा. रवि मेहरा, डा.रवीश अग्रवाल और अन्य उपस्थित रहे।

आइएमए की मांगें

- स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

- केंद्रीय अस्पताल और हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स सुरक्षा अधिनियम में आइपीसी की धारा और आपराधिक गतिविधि संहिता शामिल कराई जाए।

- प्रत्येक अस्पताल की सुरक्षा के मानक बढ़ाए जाएं।

- अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए।

- दोषियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक अदालत में सुनवाई और उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाने के प्रावधान की व्यवस्था की जाए।

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