चाइनीज झालरों से लोगों ने बनाई दूरी, बोले-भारत में बना सामान ही लेंगे, चाहे महंगा ही मिले

People Made Distance from Chinese Items चाइनीज उत्पादों से बढ़ती बेरुखी का असर दिवाली पर होने वाली सजावट में दिखने लगा है। ग्राहक चाइनीज झालरों से दूरी बनाकर मेड इन इंडिया की ओर आकर्षित हो रहे हैं। यही स्थिति बनी रही तो चाइनीज उत्पादों का आयात बंद हो जाएगा।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 11:10 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 11:10 AM (IST)
चाइनीज झालरों से लोगों ने बनाई दूरी, बोले-भारत में बना सामान ही लेंगे, चाहे महंगा ही मिले
इस बार करीब 50 फीसद तक घट गया चाइनीज झालरों का बाजार

बरेली, जेएनएन। People Made Distance from Chinese Items : चाइनीज उत्पादों से बढ़ती बेरुखी का असर दिवाली पर होने वाली सजावट में दिखने लगा है। ग्राहक चाइनीज झालरों से दूरी बनाकर मेड इन इंडिया झालरों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि भले ही भारत में बनने वाली झालरों की कीमत चीनी झालरों से कुछ महंगी हों लेकिन अधिकतर ग्राहक दुकान पर पहुंचते ही चाइनीज झालर न दिखाने की बात कहकर खरीदारी कर रहे हैं।

चीन से दुश्मनी रिश्ते और दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण का अभिशाप देने वाले देश में बनी झालरों से दीपावली पर अपने घर को न जगमगाने की जैसे ग्राहकों ने जिद ठान ली है। व्यापारियाें का कहना है कि पिछले साल की तुलना में देखें तो चाइनीज झालरों का बाजार इस बार 50 फीसद कम हो गया है। भले ही करोड़ों का माल बाजार में उपलब्ध हो लेकिन ग्राहक कहकर मेड इन इंडिया झालर और बल्व की खरीदारी कर रहे हैं। यही स्थिति बनी रही तो आने वाले दो से तीन सालों में चाइनीज उत्पादों का आयात ही बंद हो जाएगा।

मांग बढ़ने से बढ़ी वैरायटी : इस दीपावली देश में निर्मित झालरों से घर को सजाने में ग्राहक ज्यादा उत्सुक दिखाई दे रहे हैं। वे चाइनीज झालरों के विकल्प मांग रहे हैं। यही वजह है कि मेड इन इंडिया झालर की मांग बढ़ने से इसकी वैरायटी भी बढ़ गई है। इसमें तरह-तरह के फूलों के साथ ही भगवान लक्ष्मी-गणेश आदि डिजाइन हैं जो ग्राहकों को अपनी ओर खींच रहे हैं।

क्या बोले व्यापारी : व्यापारी राजन गुप्ता ने बताया कि चाइनीज झालरों की पूछ यही रही तो वह समय दूर नहीं जब चीनी उत्पादों का आयात ही बंद हो जाएगा। मुदित अग्रवाल ने बताया कि चाइनीज झालरों की बिक्री पिछले वर्ष की तुलना में 50 फीसद ही रह गई है। लोगों में मेड इन इंडिया की मांग ज्यादा है। शरद सिंघल का कहना है कि दीपावली पर करीब 80 से 90 करोड़ का बाजार चीनी झालरों का रहता है। जो इस बार 35 से 40 करोड़ पर आकर ही ठहर गया है। व्यापारी दिनेश भसीन का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बाद से लोगों में जागरूकता दिखाई दी है। ग्राहकों की मांग के अनुसार व्यापारी भी मेड इन इंडिया की वैरायटी बढ़ा रहे हैं।

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