Dhopeshwar Nath Temple News : बरेली के इस मंदिर में पूरी हुई थी अवध के नवाब शुजाउद्दौला की मनोकामना
Dhopeshwar Nath Temple News छावनी क्षेत्र में स्थित धोपेश्वरनाथ का मंदिर हजारों वर्षों पुराना है। द्रोपदी के गुरू ध्रूम ऋषि ने द्वापर युग में यहीं तपस्या की थी। इस दौरान उन्होंने यहां शिवलिंग की स्थापना की। तभी से इसका नाम धोपेश्वरनाथ पड़ गया।
बरेली, जेएनएन। Dhopeshwar Nath Temple News : छावनी क्षेत्र में स्थित धोपेश्वरनाथ का मंदिर हजारों वर्षों पुराना है। द्रोपदी के गुरू ध्रूम ऋषि ने द्वापर युग में यहीं तपस्या की थी। इस दौरान उन्होंने यहां शिवलिंग की स्थापना की। तभी से इसका नाम धोपेश्वरनाथ पड़ गया। उनके प्राण त्यागने के कुछ वर्षों बाद यह मंदिर धोपेश्वर नाथ के नाम से प्रसिद्ध हुआ। कई श्रद्धालु इसे धोपा मंदिर भी बोलते हैं।
मंदिर की मान्यता
मंदिर के मुख्य पुजारी देवकीनंदन जोशी ने बताया कि मंदिर में चालीसा पूजन करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मगर, मान्यता है कि चालीसा के आखिरी सोमवार को क्यारा स्थित गोपालासिद्ध बाबा के मंदिर में पूजन करने पर ही श्रद्धालुओं की चालीसा पूरी होती है।
मंदिर की विशेषता
मंदिर में बना सरोवर श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र है। इसकी विशेषता यह है कि इसमें स्नान करने से एलर्जी की बीमारी खत्म हो जाती है। पुजारी ने बताया कि अवध के नवाब शुजाउद्दौला की बेगम के संतान न होने पर उन्होंने यहां मन्नत मांगी थी। उनकी मनोकामना पूरी होने के बाद नवाब ने ही सरोवर के किनारे बनी कच्ची सीढ़ियों को पक्का कराया था।
नाथनगरी में स्थित सिद्ध सात नाथ मंदिरों में धोपेश्वरनाथ मंदिर भी एक है। यहां शिव और पार्वती एक रूप में शिवलिंग में विराजमान हैं। सच्चे मन से की गई हर कामना यहां पूरी होती है। पंडित देवकीनंदन, पुजारी
बचपन से इसी मंदिर में पूजा-अर्चना को आते रहे हैं। इस सिद्ध मंदिर में सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यहां स्थित सरोवर के पास बैठने पर शांति का अनुभव होता है। किशन, श्रद्धालु