Dharam Pal Murder Case : 20 साल पहले के बिंदुओं को शामिल कर बरेली पुलिस ने तैयार की आत्महत्या की स्क्रिप्ट

Dharam Pal Murder Case बरेली के वरगमा गांव में हुई धर्मपाल की मौत के मामले में परिजनों का रुख देने के बाद पुलिस ने आत्महत्या की कहानी जमीन पर उतारनी शुरू की। पुलिस ने अपनी स्क्रिप्ट में 20 साल पहले आत्महत्या का प्रयास करने तथ्यों को शामिल किया है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 08:48 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 08:48 AM (IST)
Dharam Pal Murder Case : 20 साल पहले के बिंदुओं को शामिल कर बरेली पुलिस ने तैयार की आत्महत्या की स्क्रिप्ट
Dharampal Murder Case : 20 साल पहले के बिंदुओं को शामिल कर बरेली पुलिस ने तैयार की आत्महत्या की स्क्रिप्ट

 बरेली, जेएनएन। Dharam Pal Murder Case : बरेली के वरगमा गांव में हुई धर्मपाल की मौत के मामले में परिजनों का रुख देने के बाद पुलिस ने आत्महत्या की कहानी जमीन पर उतारनी शुरू की। पुलिस ने अपनी आत्महत्या की कहानी में 20 साल पहले आत्महत्या का प्रयास करने व 17 साल पहले भाईयों से विवाद सहित अन्य तथ्यों को शामिल किया है। जबकि घटना स्थल पर मिले हालात और शव की स्थिति को देखते हुए पुलिस की कहानी में कई झोल नजर आ रहे है। 

इन तथ्याें को किया स्क्रिप्ट में शामिल    

पुलिस का कहना है कि धर्मपाल अवसाद में थे। हत्या की कोई वजह सामने नहीं आ रही। वह करीब 20 साल पहले भी वह आत्महत्या का प्रयास कर चुके। छत के कुंडे में रस्सी से फंदा बनाया था। अचानक कुंडा टूट जाने से वह नीचे गिरे और कूल्हा में गंभीर चोट आई थी। पुलिस के अनुसार, ग्रामीणों ने बताया है कि 17 साल पहले भाइयों के बीच बंटवारे के बाद धर्मपाल तनाव में रहने लगे। बैंक का कर्ज भी था। एमएससी पास करने के बाद धर्मपाल नौकरी की तलाश में थे। किसी ने झांसा देकर उनसे एक लाख रुपये ऐंठ लिए और नौकरी भी नहीं लगी।

आत्महत्या की कहानी में इसलिए झोल

धर्मपाल निर्माणाधीन मकान में अकेले रहते थे। आग लगाकर आत्महत्या करनी थी तो ऐसा उसी मकान में कर सकते थे। जिस पेड़ से उनका जला शव बंधा था, उसमें कमर के नीचे का हिस्सा पेड़ के तने से पूरी तरह बंधा हुआ था। ऊपर का धड़ झुककर औंधे मुंह आ चुका था। पुलिस कयास लगा रही कि खुद को कमर तक बांधने के बाद उन्होंने आग लगा ली। जबकि उनके कंधे व गले पर भी तार लिपटा हुआ था, जिसका दूसरा सिरा पेड़ से बंधा था। ठीक उसी तरह, जैसे गले तक बंधा शव जलने के बाद बोझ से औंधे मुंह गिर जाता है। यदि अवसादग्रस्त धर्मपाल ने खुद को कमर तक बांध भी लिया, तो गले पर तार क्यों लिपटा था, पुलिस इस सवाल से दूरी बनाए है।

पत्र में सामने आया पूर्व प्रधान का नाम

धर्मपाल के घर से मिले पत्र में लिखी भाषा अस्पष्ट है। फारेंसिक टीम ने मिलान के बाद पत्र में उनकी ही हैंड राइटिंग की पुष्टि की। जिसमें लिखा था कि कोई अनहोनी होती है तो तोताराम जिम्मेदार होगा। एक जगह पूर्व प्रधान ओमकार का नाम भी लिखा था। पुलिस का कहना है कि ओमकार ने कुछ साल पहले धर्मपाल व भाइयों का बंटवारा कराया था, तब वह प्रधान था।

तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। हत्या व आत्महत्या, दोनों बिंदुओं पर जांच हो रही है।-रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी

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